Report on One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश एक चुनाव’ (One Nation, One Election) को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कौ सौंप दी है. 18 हजार से ज्यादा पेज की इस रिपोर्ट में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एकल यानी साझा मतदाता सूची तैयार करने की बात कही गई है.
2 सितंबर 2023 को गठित इस कमिटी ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 191 दिन लिए. इस दौरान कमिटी ने कई एक्सपर्ट से बात की. आइए जानते हैं कैसे-कैसे यह कमिटी आगे बढ़ती गई और समय के साथ इसमें क्या-क्या विकास हुआ.
ऐसा रहा है घटनाक्रम
- 1983 : चुनाव आयोग की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन का सुझाव दिया गया.
- 1999 : भारत के विधि आयोग (अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.पी. जीवन रेड्डी) ने चुनावी कानूनों में सुधार पर अपनी 170वीं रिपोर्ट दी.
- 2018 : भारत के विधि आयोग (अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.एस.चौहान) ने एक साथ चुनावों पर रिपोर्ट जारी की
- 15 अगस्त 2019 : स्वतंत्रता दिवस के भाषण (लाल किले से) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे भारत में एक साथ चुनाव कराने का अपना विचार दोहराया.
- 1 सितंबर 2023 : केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कमिटी बनाई.
- 2 सितंबर 2023 : वन नेशन वन इलेक्शन समिति के सदस्यों का एलान हुआ, गृह मंत्री सहित 7 सदस्य बनाए गए.
- 23 सितंबर 2023 : वन नेशन वन इलेक्शन समिति की पहली बैठक हुई. बैठक में फैसला हुआ कि सबसे पहले इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों की राय ली जाए. आगे बढ़ने के रोडमैप को लेकर विधि आयोग से भी चर्चा करने का फैसला लिया गया.
- 14 मार्च 2024 : एक देश एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी.
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