Asaduddin Owaisi On One Nation One Election: एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' (एक राष्ट्र एक चुनाव) के मुद्दे पर कहा है कि यह बहुदलीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए विनाशकारी होगा.


ओवैसी ने रविवार (3 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक कॉपी की फोटो शेयर करते हुए लिखा है, ''यह उस समिति की नियुक्ति की अधिसूचना है जो वन नेशन वन इलेक्शन के मामले को देखेगी. साफ है कि यह बस एक औपचारिकता है और सरकार पहले ही इस पर आगे बढ़ने का फैसला कर चुकी है. एक राष्ट्र एक चुनाव बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए विनाशकारी होगा.''



सरकार को विधानसभा चुनावों के कारण गैस के दाम कम करने पड़े- ओवैसी


ओवैसी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ''आने वाले विधानसभा चुनावों के कारण मोदी को गैस के दाम कम करने पड़े. वह एक ऐसा सिनेरियो (परिदृश्य) चाहते हैं, जहां अगर वह चुनाव जीत जाते हैं तो अगले पांच साल बिना किसी जवाबदेही के जनविरोधी नीतियों को आगे बढ़ाने में बिताएं.''


ओवैसी बोले- पूर्व राज्यसभा एलओपी को शामिल क्यों किया गया?


ओवैसी ने पोस्ट किया, ''मोदी सरकार ने एक पूर्व राष्ट्रपति को एक सरकारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त करके भारत के राष्ट्रपति के उच्च पद का दर्जा कम कर दिया है.'' इसके अलावा गुलाम नबी आजाद का नाम लिए बगैर ओवैसी ने लिखा, ''एक पूर्व राज्यसभा एलओपी (विपक्ष के नेता) को (समिति में) क्यों शामिल किया गया है?''


एक अन्य पोस्ट में ओवैसी ने लिखा, ''समिति के अन्य सदस्य सरकार समर्थक स्पष्ट विचार रखते हैं, जो उनकी बार-बार की गई सार्वजनिक टिप्पणियों से स्पष्ट है. ऐसे किसी भी प्रस्ताव के कार्यान्वयन से पहले भारत के संविधान के कम से कम पांच अनुच्छेदों और कई वैधानिक कानूनों में संशोधन करना होगा.''


'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर सिफारिशें देगी आठ सदस्यीय कमेटी


बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार (1 सितंबर) को 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के मुद्दे पर विमर्श करने के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी थी. शनिवार (2 सितंबर) को आठ सदस्यीय कमेटी के सदस्यों के नाम बताए गए.


कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी भी सदस्य हैं. यह उच्च स्तरीय कमेटी लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करेगी और और जल्द से जल्द सिफारिशें देगी.


यह भी पढ़ें- उदयनिधि स्टालिन के बयान पर अमित शाह का पलटवार, 'इंडिया गठबंधन कर रहा सनातन धर्म का अपमान'