देशभर में एक ही राशन कार्ड से कहीं भी अपना अनाज खरीदने का सपना पूरा होने का समय अब धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. तकरीबन हर महीने कोई न कोई नया राज्य इस योजना से जुड़ता जा रहा है. आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और 3 राज्य इस योजना से जुड़ गए.


जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड योजना से जुड़े
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अलावा जिन 3 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना आज से लागू हुई है. उनमें उत्तराखंड, मणिपुर और नागालैंड शामिल हैं. अब इन राज्यों में रहने वाले बाकी राज्यों के लोग अपने गृह राज्य के राशन कार्ड के जरिए सरकारी राशन की दुकान से अपना आवंटित अनाज ले सकेंगे. इसी तरह इस योजना में पहले से शामिल राज्यों में रहने वाले इन 4 राज्यों के लोग भी अपने हिस्से का सरकारी राशन ले सकेंगे.


नए राशन कार्ड की ज़रूरत नहीं
इस योजना की एक खासियत ये है कि इसमें लाभार्थियों को अलग से कोई राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं पड़ती है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश का कोई मूल निवासी अगर नौकरी या किसी वजह से महाराष्ट्र में रह रहा है तो अपने मूल राशन कार्ड से ही वो महाराष्ट्र में भी अपने कोटे का सरकारी राशन लजे सकता है. इसके लिए केवल उसके राशन कार्ड का आधार कार्ड से जुड़ा होना जरूरी होता है.


31 मार्च तक पूरे देश में योजना होगी लागू
इस योजना को 31 मार्च 2021 तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है. उसके बाद पूरे देश के लोग देश में कहीं से भी अपने कोटे का सरकारी राशन ले सकेंगे. हालांकि खाद्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस साल के अंत तक इसे देशभर में लागू कर दिए जाने की कोशिश हो रही है.


कौन कौन राज्य हैं शामिल ?
24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में योजना लागू हो चुकी है. ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात , आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, गोवा, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, केरल, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा , कर्नाटक, नागालैंड, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और दादर नागर हवेली और दामन दीव शामिल हैं. मतलब ये कि इन राज्यों के राशनकार्ड धारी इन राज्यों में कहीं से भी अपने कोटे का राशन ले सकते हैं.


इन राज्यों में योजना लागू हो जाने से क़रीब 65 करोड़ यानि 80 फीसदी लाभार्थियों को इसका फायदा मिलना शुरू हो गया है. हम जानते हैं कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना देश के उन 81 करोड़ लोगों के लिए है जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सस्ता अनाज मिलता है.


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