नई दिल्ली: अगस्त में दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराए गए कोरोना वायरस के मरीजों में करीब एक तिहाई अन्य राज्यों के थे. सरकारी आंकड़े में यह बात सामने आई है. आंकड़ों के मुताबिक तीन अगस्त से लेकर 28 अगस्त तक वायरस से जितने लोगों की जान गई उनमें आधे से अधिक गैर बाशिंदे थे.


कोरोना के भर्ती एक तिहाई मरीज अन्य राज्यों के


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा था कि यहां कोविड-19 के मामलों में इजाफा कई कारणों से हुआ है. उसमें एक प्रमुख कारण बाहर से इलाज के लिए लोगों का यहां आना है. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से चले गए प्रवासी श्रमिकों का लौटना और जांच में वृद्धि आदि शामिल हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अगस्त में दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के 8 हजार 577 मरीज भर्ती कराए गए. जिनमें से 2 हजार 536 अन्य राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के थे.


दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के आए आंकड़े


निजी अस्पतालों में दिल्ली से अधिक बाहर के कोविड-19 मरीज भर्ती रहे. बी एल कपूर अस्पताल में भर्ती 98 मरीजों में 51 बाहर के थे. इसी तरह, अपोलो अस्पताल में भर्ती 158 मरीजों में 111 दिल्ली से नहीं थे. आंकड़ों के मुताबिक तीन अगस्त से लेकर 28 अगस्त तक शहर में करीब 395 कोविड-19 मरीजों की जान चली गई जिनमें 210 राष्ट्रीय राजधानी के बाहर के थे. आप सरकार ने जून में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों में भारी वृद्धि का अनुमान लगाते हुए विवादस्पद फैसला लिया था. जिसके मुताबिक दिल्ली के अस्पतालों में बेड को केवल दिल्लीवालों के लिए आरिक्षत कर दिया गया. लेकिन दिल्ली सरकार के फैसले पर काफी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई. यहां तक अरविंद केजरीवाल सरकार के फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पलट दिया.


यात्रा पाबंदियों, बाढ़ और कोरोना संकट के चलते कई उम्मीदवार NEET-JEE की परीक्षा नहीं दे पाएंगे


मध्य प्रदेश: उद्घाटन से पहले ही तीन करोड़ की लागत के बना पुल बाढ़ में बहा, एक महीने पहले ही बना था