One Year of Farmers Protest: देशभर में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया है. केंद्र सरकार के विवादित तीन कृषि कानून को वापस लिया जा चुका है जिसके बावजूद अब भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है.
किसान संगठनों ने एक साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट होने का ऐलान पहले ही कर दिया था. जिसको देखते हुए अब हरियाणा, पंजाब से भारी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. वहीं, इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों कृषि कानूनों को वापसी पर सहमति दे दी है.
किसान संगठनों द्वारा एक साल पूरे होने के मौके पर एकजुट होने के ऐलान को देखते हुए अब दिल्ली की सीमा पर एक बार फिर से बड़ी संख्या में बैरिकेड लग गए हैं साथ ही सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ गई है. पुलिस ने कहा कि गुरुवार को किसान नेताओं के साथ बैठक की है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी सीमा पार करने की कोशिश करते हैं या उपद्रव करने की कोशिश करते हैं, तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा.
बिल के जरिए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा
बता दें, बीते दिन कैबिनेट बैठक में Farm Laws Repeal Bill को मंजूरी दी गई. बिल के जरिए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा. इनमें Farmers Produce Trade & Commerce(Promotion & Facilitation) Act 2020, The Farmers (Empowerment & Protection) Agreement of farm assurances, Farm Services Act 2020 और Essential Commodities (amendment) Act शामिल हैं. सरकार के मुताबिक 29 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बिल को संसद में पेश किया जाएगा.
किसानों की ये है मांग
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ पिछले साल 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार हैदराबाद में कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगे पूरी होने और केन्द्र के साथ हमारी बातचीत होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आगे के कदमों पर फैसला करने के लिए 27 नवंबर को एक और बैठक करेगा.
इधर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 29 नवंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालने का भी ऐलान किया. टिकैत की घोषणा के मुताबिक वे 60 ट्रैक्टरों के साथ 29 नवंबर को संसद के लिए मार्च निकालेंगे. इस दौरान टिकैत ने कहा कि ये ट्रैक्टर मार्च उन्ही सड़कों से गुजरेगा जिन्हें सरकार द्वारा खोला जा चुका है. वहीं इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा भी ऐलान किया गया था कि वे 29 नवंबर को 500 ट्रैक्टरों के साथ संसद का घेराव करेंगे.
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