विदेशों से आयात किया गया प्याज सरकार के लिए बना मुसीबत, कोई राज्य खरीदने को तैयार नहीं
सरकार ने प्याज़ मंगा तो लिया लेकिन उसे कोई राज्य खरीदने को तैयार नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ आज कैबिनेट सचिव ने राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक की.
नई दिल्ली: पहले प्याज़ की कमी ने रुलाया और अब प्याज़ की ज्यादा उपलब्धता सरकार के आंसू निकाल रही है. यही हाल आजकल मोदी सरकार का प्याज़ को लेकर है. ख़ासकर विदेशों से मंगाए गए प्याज़ को लेकर सरकार की मुसीबत कम नहीं हो रही.
ख़रीद मूल्य पर प्याज़ बेचेगी सरकार
सबसे ज़्यादा मुसीबत विदेशों से आयात किए गए प्याज़ को लेकर है. सरकार ने प्याज़ मंगा तो लिया लेकिन उसे कोई राज्य खरीदने को तैयार नहीं है. ऐसे में अब सरकार ने अब कुछ रियायत देने का ऐलान किया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने आज ऐलान किया कि सरकार विदेशी प्याज़ को उसके ख़रीद मूल्य पर ही राज्यों को बेचने का प्रस्ताव दिया है. मतलब, विदेश से जिस कीमत पर प्याज़ आई होगी उसमें प्याज़ को बंदरगाह से राज्यों तक पहुंचाने का भाड़ा उसमें नहीं जोड़ा जाएगा. इस हिसाब से प्याज़ की कीमत 49-56 रुपए प्रति किलो तक होगी क्योंकि अलग-अलग देशों से मंगाए गए प्याज़ की कीमत अलग-अलग है. दिल्ली में मदर डेयरी और सफल की दुकानों के ज़रिए केंद्र सरकार ख़रीद मूल्य पर विदेशी प्याज़ बेचेगी.
मुकरे सभी बारी-बारी
सरकार का ये प्रस्ताव तब आया है जब विदेशी प्याज़ ख़रीदने की अपनी मांग से कई राज्य सरकारें मुकर गई हैं. उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक़ सरकार ने विदेशों से प्याज़ मंगवाने का फ़ैसला तब किया था जब कई राज्यों ने प्याज़ की सप्लाई कम होने की बात कहते हुए केंद्र के सामने विदेशी प्याज़ खरीदने का प्रस्ताव दिया था. आंकड़ों के मुताबिक इन राज्यों ने क़रीब 33000 मीट्रिक टन विदेशी प्याज़ खरीदने पर हामी भरी थी. इनमें असम (10000 मीट्रिक टन), उत्तर प्रदेश (6000), आंध्र प्रदेश (4200), महाराष्ट्र (3480), बंगाल (800), ओडिसा (100) और कर्नाटक (250) जैसे राज्य शामिल हैं. लेकिन विदेशी प्याज़ भारत पहुंचता इसके पहले ही असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिसा जैसे राज्यों ने प्याज़ लेने से मना कर दिया जिससे सरकार की मुसीबत बढ़ गई.
राज्यों के साथ आज हुई बैठक
सूत्रों के मुताबिक़ आज कैबिनेट सचिव ने राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक की. बैठक में केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके द्वारा पहले की गई मांग की याद दिलाते हुए कहा गया कि अब जबकि सरकार विदेशी प्याज़ को बिना ट्रांसपोर्ट का भाड़ा लिए ख़रीद मूल्य पर राज्यों तक पहुंचाने को तैयार है तो सभी राज्यों को अब प्याज़ ख़रीदना चाहिए. दरअसल, राज्यों को प्याज़ खरीदने के लिए इसलिए कहा जा रहा है ताकि वो अपने यहां उसे सरकारी राशन की दुकान या किसी अन्य माध्यम से लोगों तक बेच सकें. इसके अलावा उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान और उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है. सरकार ने अबतक 42500 मीट्रिक टन विदेशी प्याज़ खरीदने का ऑर्डर दिया है जिसमें से क़रीब 16000 मीट्रिक टन भारत पहुंच चुका है.