नई दिल्ली: प्याज की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, कई जगहों पर यह 100 रुपए से ज्यादा है. लोग परेशान हैं कि उनके खाने से प्याज गायब हो रहा है. लेकिन अभी प्याज की कीमत कम होने में वक्त लगेगा. नाफेड के निदेशक अशोक ठाकुर के मुताबिक प्याज की कीमतें कम होने में अभी 15 से 20 दिन का वक्त लग सकता है.
नाफेड के मुताबिक मंडी में अभी इतनी प्याज नहीं है जितनी हर साल होती है. इस साल ज्यादा मॉनसून के चलते प्याज की फसल बर्बाद हो गई है तो कहीं बुवाई तक नहीं हो पाई. वहीं अभी खरीफ की फसल आना शुरू नहीं हुई है. नाफेड को उम्मीद है अगले 10 दिनों में कुछ राज्यों से प्याज की फसल मंडी पहुंचना शुरू हो जाएगी. इसके अलावा केंद्र ने जो आयात करवाया है वो प्याज भी पहुंच जाएगी जिसके बाद दम समान्य हो जाएंगे.
प्याज की लगातार बढ़ती कीमतों के लिए नाफेड के डायरेक्टर अशोक ठाकुर पूरी तरह से मॉनसून को जिम्मेदार बता रहे हैं. उनके मुताबिक मानसून में भारी बारिश हुई है उसके कारण बहुत सारी फसल बर्बाद हुई है. इसके अलावा बहुत जगह बुवाई तक नहीं हो पाई, इसके कारण प्याज का उत्पादन कम हुआ. इसी कम प्याज के उत्पादन के चलते ही दामों में इतना उछाल आया है. सबसे ज्यादा नुकसान प्याज की फसल को महाराष्ट्र में हुआ है.
नाफेड ने पिछले महीने अपने बफर स्टॉक से 13 राज्यों और केंद्र को प्याज दिया था ताकि लोगों को कम कीमत पर वो प्याज उपलब्ध करा सकें. नाफेड का कहना है कि पिछले महीनों में उसने 57 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा प्याज दी. जिसमें नाफेड ने...
- मदर डेयरी को 7397.38 मीट्रिक टन
- नाफेड ने अपने आप बेचा 215.65 मीट्रिक टन
- दिल्ली को 1205.2 मीट्रिक टन
- आजादपुर मंडी को 5249 मीट्रिक टन
- केंद्र को और केंद्रीय भंडार को 123 मीट्रिक टन
- पश्चिम बंगाल को 3585.65 मीट्रिक टन
- कर्नाटक को 640 मीट्रिक टन
- केरल को 466 मीट्रिक टन
- आंध्र प्रदेश को 312 मीट्रिक टन
- राजस्थान को 392 मीट्रिक टन दिया है.
नाफेड के मुताबिक हर साल ये बफर स्टॉक 10 हजार टन का होता था लेकिन इस साल बारिश का हाल देख पहले ही इसका स्टॉक पांच गुना किया गया. खास बात है कि सिर्फ रबी की फसल वाले प्याज को ही बफर स्टॉक में 4 महीने तक रखा का सकता है खरीफ के प्याज को नहीं. नाफेड के मुताबिक इजिप्ट और अफगानिस्तान से इम्पोर्ट किया हुआ प्याज भारत में पहुंचना शुरू हो चुका है. वहीं भारत सरकार द्वारा मंगवाए प्याज भी जल्द आ जाएंगे. इसके अलावा राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों से प्याज आना शुरू हो जाएगा. ये प्याज आने का सिलसिला शुरू होते ही प्याज की कीमत में गिरावट शुरू हो जाएगी. फिलहाल नाफेड के पास बफर स्टॉक के नाम पर कोई प्याज नहीं बची है. नाफेड की बफर स्टॉक की प्याज पिछले महीने ही खत्म हो गई है.
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