Online Child Abuse Scandal: ऑनलाइन बाल यौन शोषण मामले में सीबीआई ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने इन सभी को पूछताछ के लिए 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. इस बाबत मारे गए देशव्यापी छापों के दौरान सीबीआई को अनेक ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ मिले हैं, जिनमें कोड के जरिए कई बातें कही गई हैं. सीबीआई इन्हें डिकोड करने की कोशिश कर रही है.
बाल यौन शोषण मामले की जांच के लिए सीबीआई ने एक विशेष यूनिट बनाई हुई है. सीबीआई की विशेष यूनिट ऐसी तमाम वेबसाइट पर निगाह रखती है जो बाल यौन शोषण के मामलों को प्रचार प्रसार करते हैं या उनके वीडियो की खरीद-फरोख्त आदि से जुड़े हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक इस विशेष यूनिट को पता चला कि कोरोना काल के दौरान ऐसे मामलों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. इस विशेष यूनिट ने जब ऐसी सोशल नेटवर्क की वेबसाइटों और व्हाट्सएप ग्रुपों को खंगालना शुरू किया तो उसे ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियो नॉटी वीडियो, फन वीडियो सुपरब्वायज वीडियो जैसे अनेक व्हाट्सएप ग्रुप मिले, जिनके जरिए बाल यौन शोषण का प्रचार-प्रसार हो रहा था. साथ ही अनेक लोग इसकी खरीद-फरोख्त में भी शामिल पाए गए. सूचना के आधार पर सीबीआई ने मामले की प्रारंभिक जांच की और जब इस जांच के दौरान 80 से ज्यादा लोग शामिल पाए गए और मामले के तार सौ से ज्यादा देशों से जुड़ गए तो सीबीआई ने सभी के खिलाफ एक साथ 14 नवंबर के दिन यानी बाल दिवस के दिन 23 एफआईआर दर्ज की और फिर देशभर के 14 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ गोपनीय तरीके से 77 जगहों पर छापा मारा गया.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि ये तमाम मामले खुद सीबीआई की अपनी जांच के नतीजे हैं और इन मामलो की आरंभिक जांच में यह भी पाया गया कि इन मामलो के तार 100 से ज्यादा देशों से जुड़े हुए हैं और इसमें विदेशी मुस्लिम देशों के लोगों की अहम भूमिका भी पाई गई है. अब तक की आरंभिक जांच के दौरान जिन देशों के लोगों की भूमिका सामने आई है, उनमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, बाग्लादेश, श्रीलंका, घाना, इजिप्ट, यमन, इंडोनेशिया, अजरबैजान, इंंग्लैंड और अमेरिका भी शामिल है. आपको उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक इंजीनियर द्वारा बाल यौन शोषण का मामला तो याद होगा ही. सीबीआई जांच के दौरान पता चला था कि इंजीनियर और उसकी पत्नी ने लालच देकर 25 बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया था. इसके बाद भी सीबीआई ने लगातार ऐसे मामलों की जांच जारी रखी और इसी दौरान सीबीआई को पता चला कि देश भर में 50 ग्रुप ऐसे हैं, जो बाल यौन शोषण के वीडियो और चित्रों आदि का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और बाकायदा कुछ लोगों द्वारा इसे बेचा भी जा रहा है. सीबीआई को अब तक जांच के दौरान यह भी पता चला कि इन ग्रुपो में 5000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक दो वेबसाइट ऐसी पाई गई हैं जो बालयौन शोषण के वीडियो के लिए स्टोरेज सुविधा मुहैया कराती हैं, जबकि एक रशियन वेबसाइट के जरिए फोटो शेयरिंग की सुविधा दी जाती है. सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक ऐसी तमाम वेबसाइटों पर जांच एजेंसी की कड़ी निगाहें लगी हुई हैं और अनेक लोग अभी भी सीबीआई के रडार पर हैं जो इस धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं. सीबीआई के मुताबिक अब तक की छापेमारी के दौरान जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ एवं दस्तावेज मिले हैं उन सभी की जांच की जा रही है और इस मामले में सीबीआई की सीएफएसएल शाखा का भी सहयोग लिया जा रहा है. इन डिवाइज़ों की जांच के दौरान यह देखा जा रहा है कि इनमें विदेशी बच्चों के अलावा भारत के बच्चे भी शामिल हैं या नही. सीबीआई को आशा है कि इन दस्तावेजों और इलेक्ट्रानिक डिवाइज़ों की जांच के दौरान अनेक अहम खुलासे हो सकते हैं. सीबीआई इस मामले के तहत इंस्ट्राग्राम, पोर्न वेबसाइट, समेत अनेक शोशल नेटवर्क की वेबसाइटों और डार्कवेब की भी जांच कर रही है और कुछ जगहों पर पैसों के लेनदेन भी मिले हैं. कुछ आरोपी बाल यौन शोषण से जुड़ी साम्रगी विदेशी वेबसाइट पर अपलोड भी करते थे, जिन्हें उसके बदले मोटी रकम भी आती थी.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक इन डिवाइज़ों की जांच के दौरान भारतीय बच्चे भी पाए गए तो इस मामले में पॉक्सो एक्ट भी जोड़ दिया जायेगा. अब तक की जांच के दौरान सीबीआई ने इस मामले में आपराधिक षडयंत्र और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अब तक के आकलन के दौरान यह पता भी चला है कि बाल यौन शोषण मामलों की संख्या में कोरोना काल के दौरान तीन गुना इजाफा हुआ है. इस मामले में सीबीआई ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें दिल्ली से रमन गौतम, सतेंद्र मित्तल, पुरूषोत्तम झा, ओडिशा से सुरेद्र नायक, नोएडा के निशांत जैन, झांसी के जितेंद्र कुमार और तिरूपति के टी मोहन कृष्णा शामिल बताए गए हैं. इन आरोपियों को दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बरामद कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ों में इंटरनेशनल कनेक्शन के कोड भी पाए गए हैं, जिन्हे डिकोड करने की कोशिश की जा रही है. इन कोड में वीडियो बनाने वाली पार्टी, अपलोड करने वाली पार्टी और बेचने वाली पार्टी के बारे में भी अहम जानकारी कोड के रूप में है. इस मामले में सीबीआई कुछ और गिरफ्तारियां भी कर सकती है और बड़े खुलासे भी सामने आ सकते हैं.