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कोरोना के सेकेंड वेव के दौरान ट्रैवेल बुकिंग रद्द करने वाले सिर्फ 12-13 फीसदी लोगों को मिला रिफंड- सर्वे
Travel Booking Refund: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल की तरफ से एक सर्वे किया गया था. इसमें 90 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि सरकार को महामारी के लेकर विशेष बुकिंग रिफंड नीति तैयार करनी चाहिए.
![कोरोना के सेकेंड वेव के दौरान ट्रैवेल बुकिंग रद्द करने वाले सिर्फ 12-13 फीसदी लोगों को मिला रिफंड- सर्वे Only 12-13 percent of those who cancelled travel bookings due to 2nd COVID wave got timely refunds कोरोना के सेकेंड वेव के दौरान ट्रैवेल बुकिंग रद्द करने वाले सिर्फ 12-13 फीसदी लोगों को मिला रिफंड- सर्वे](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/08/ee9c19bc78e4205ca51d7451be39e05e_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Travel Booking Refund: कोरोना महामारी के चलते कैंसिल की गई ट्रैवेल बुकिंग के लिए रिफंड मिलने में आने वाली दिक्कतों को लेकर एक सर्वे किया गया. इस सर्वे में 90 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार एक महामारी-विशिष्ट बुकिंग रिफंड नीति तैयार करे. ये सर्वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल की तरफ से किया गया. इसमें ये बात सामने आई कि कोरोना महामारी के सेकेंड वेव के चलते ट्रैवेल बुकिंग रद्द करने वालों में से केवल 12-13 फीसदी लोगों को ही समय पर रिफंड मिला.
लोकलसर्किल की तरफ से किए गए सर्वे के अनुसार, 359 जिलों में 37,000 से अधिक लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं के अनुसार, कुछ ट्रैवल एजेंटों (ऑनलाइन और ऑफलाइन), एयरलाइनों के साथ-साथ होटलों ने पूरी बुकिंग राशि खोने वाले लोगों के लिए रिफंड की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की.
इसके मुताबिक, महामारी की दूसरी लहर के कारण यात्रा बुकिंग रद्द करने वालों में से केवल 12-13 प्रतिशत लोगों को ही समय पर रिफंड मिला. लोकलसर्किल ने कहा, "लगभग 95 फीसदी लोगों का मानना है कि एयरलाइंस, रेलवे या होटलों की वर्तमान नीतियां उपभोक्ताओं के हित में नहीं हैं और 90 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि सरकार कोविड महामारी की इस अवधि के लिए यात्रा बुकिंग से जुड़ी एक रिफंड नीति तैयार करे."
महामारी के दौरान मौजूदा यात्रा बुकिंग रिफंड नीतियों को केवल पांच फीसदी लोगों ने मंजूरी दी है. ज्यादातर लोग इस नीति में बदवाल चाहते हैं. कोविड महामारी के दौरान एक थ्री-ऑप्शन ट्रैवेल बुकिंग कैंसिलेशन नीति का सुझाव दिया जो उपभोक्ता हितों की रक्षा करेगी और यात्रा बुक करने के लिए विश्वास पैदा करेगी.
सर्वे में 12 फीसदी लोगों ने कहा कि बुकिंग कैंसिलेशन का पूरा पैसा वापस किया गया. वहीं 32 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका कोई भी पैसा वापस नहीं किया गया. साथ ही 12 फीसदी लोगों ने कहा कि कैंसिलेशन के बाद आंशिक पैसा वापस जरूर हुआ है. चार फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उनका थोड़ा बहुत पैसा रिफंड किया गया. इसमें 24 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने बताया कि उनके रिफंड का एक भी पैसा वापस तो नहीं हुआ लेकिन ट्रैवेल एजेंट/एयरलाइंस कंपनी ने आगे की तारीख में दोबारा से बुकिंग की सुविधा दी. साथ ही 16 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था.
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