मुंबई: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी? बन भी पाएगी या नहीं? क्या महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगेगा? शिवसेना अगर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बना भी लेती है तो सीएम कौन होगा? ये सभी वो सवाल हैं जिनका जवाब शायद वक्त ही दे सकता है. महाराष्ट्र की राजनीति में फिलहाल कुछ है तो सिर्फ कनफ्यूजन.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पहले भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया क्योंकि भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है. इसके बाद शिवसेना को न्योता दिया गया और अब एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया गया है. इसके बाद भी साफ नहीं है कि सरकार बन भी पाएगी या नहीं.
आदित्य ठाकरे बोले- राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए और वक्त नहीं दिया
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 288 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं. वहीं एनसीपी ने 54 सीट और कांग्रेस 44 सीटें जीती थीं. सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है. यानि वो पार्टी सरकार बनाएगी जिसके पास 145 विधायकों का समर्थन है.
पहले ये तय माना जा रहा था कि बीजेपी और शिवसेना मिल कर सरकार बनाएंगी. लेकिन 50-50 फॉर्मूले पर बात अटक गई. शिवसेना चाहती थी कि ढाई साल के लिए सीएम पद उसे मिले और ढाई साल के लिए सीएम का पद भाजपा को मिले.
महाराष्ट्र: कांग्रेस के कन्फ्यूज़न ने शिवसेना को फंसाया, राज्यपाल ने नहीं दिया दो दिन का वक्त
लेकिन भाजपा की ओर से सीएम पद के चेहरे देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेसवार्ता में साफ कहा कि ऐसी कोई डील कभी हुई ही नहीं थी. इस बयान के बाद ये तय हो गया था कि दोनों पार्टियों के रास्ते अब अलग हो चुके हैं और ऐसे में संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात भी की थी.
इस मुलाकात के बाद ये भी साफ था कि शिवसेना अब एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बनाने पर विचार कर रही है. देखना ये था कि कांग्रेस कैसे इस गठबंधन का हिस्सा बनेगी. लेकिन आज खबर आई कि उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की है.
ऐसा लगने लगा था कि अब शिवसेना की सरकार बन जाएगी लेकिन थोड़ी देर बाद ही कांग्रेस ने एक बयान जारी कर दिया और कहा कि एनसीपी के साथ अभी बातें जारी हैं. ऐसे में राज्यपाल कोश्यारी से मिलने पहुंचे आदित्य ठाकरे को दावा साबित करने के लिए दो दिन का वक्त नहीं मिल पाया.
अब देखना होगा कि आगे क्या होगा? महाराष्ट्र की राजनीति की इस उठापठक से आखिर क्या निकलेगा? सरकार कैसे बनेगी और कैसे दूर होगा कई दिनों से जारी कन्फ्यूजन.