नई दिल्ली: कोरोना संकट से जूझ रहे देश को इस वक्त लंब लॉक डाउन का सामना करना पड़ रहा है. हजारों लोग रोजोना इस बीमारी के शिकार बन रहे हैं. हर कोई चाहता है कि जल्द से जल्द यह संकट खत्म हो जाए. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कोरोना काल में भी लोगों के सिर से रफ्तार का भूत नहीं उतर रहा है.


राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के पहले चरण यानी 21 दिन में ओवर स्पीडिंग के चलते 32,778 चालान काटे गए. आपको जानकर हैरीन होगी कि यह आंकड़ा सड़कों पर कुल वाहन की मात्रा का केवल 1% होने के बावजूद है. दिल्ली पुलिस के जिन वाहनों के चालान काटे गए उनमें 90% निजी कार ड्राइवर थे.


पुलिस के मुताबिक सामान्य दिनों में दिल्ली में एक दिन में 38 हजार चालान होते थे. पुलिस ने कहा कि यह लोगों की आदत में शामिल हो गया है. लोग घर से बाजार जाते समय भी तेज गाड़ी चलाते हुए जाते हैं. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन ज्यादातर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड जैसी जगहों पर ज्यादा हो रहा है। दोपहर तीन बजे और रात 10बजे के बीच सबसे ज्यादा चालान किए गए.


पुलिस ने बताया कि अगर सड़क पर ट्रैफिक पुलिस नहीं खड़ी होती तो लोग तेज गाड़ी चलाते हैं. ऐसे वाहनों का चालान पास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उनके घर पर भिजवाया जाता है. हालांकि ट्रैफिक पुलिस का ये भी कहना है कि लॉकडाउन के कारण सड़क हादसों में कमी आई है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है.


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