Operation Amritpal: बीते हफ्ते 18 मार्च से पंजाब में भगोड़ा घोषित खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी को पुलिस ने आज (31 मार्च) धर दबोचा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जोगा सिंह 18 मार्च से ही अमृतपाल को भागने में मदद कर रहा था.


अब जब इसको पकड़ लिया गया है. आने वाले दिनों में पुलिस इससे अमृतपाल से जुड़े कई अहम राज उगलवा सकती है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, बैशाखी से पहले अमृतपाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के सामने सरेंडर कर सकता है. अमृतपाल भटिंडा में दमदामा साहिब या फिर आनंदपुर साहिब जिले में श्री केशगढ़ साहिब के सामने भी सरेंडर की फिराक में है.


इस बीच पंजाब पुलिस ने अलगाववादी अमृतपाल सिंह की तलाश का दायरा बढ़ा दिया है. पुलिस होशियारपुर जिले में डेरों और अन्य संभावित ठिकानों में भी सर्च कर रही है. अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ पर पुलिस ने 18 मार्च को कार्रवाई शुरू की थी. इसके बाद से फरार है. हालांकि, पिछले तीन दिन में वह दो वीडियो में दिखा है और एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में जारी हुआ है.


अलगाववादी ने जोर दिया कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही सामने आएगा. अमृतपाल ने ऑडियो क्लिप में, उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह अपने आत्मसमर्पण को लेकर बातचीत कर रहा है. पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए मंगलवार रात होशियारपुर जिले में अभियान शुरू किया. अमृतपाल और उसके सहयोगियों के वहां होने की जानकारी के बाद यह अभियान शुरू किया गया.


इसकी शुरुआत तब हुई, जब पुलिस ने फगवाड़ा से एक इनोवा गाड़ी का पीछा किया. कुछ सूत्रों के अनुसार उसमें अमृतपाल और उसके सहयोगियों के होने की आशंका थी. गाड़ी में सवार लोगों ने उसे मार्नियन में गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के पास छोड़ दिया और गायब हो गए.


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