Operation Amritpal: केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को भगोड़े खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए ऑपरेशन अमृतपाल चलाया था, लेकिन दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी अमृतपाल पुलिस की पकड़ से काफी दूर है. इसी बीच खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट दी है, आने वाले दिनों में बैशाखी से पहले अमृतपाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के सामने सरेंडर कर सकता है.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अमृतसर में सरेंडर अगर सफल होने में दिक्कत होती है तो अमृतपाल भटिंडा में दमदामा साहिब या फिर आनंदपुर साहिब जिले में श्री केशगढ़ साहिब के सामने भी सरेंडर की फिराक में है. इसको लेकर इन तीनों ही जगहों पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है. पुलिस अमृतपाल को उसके सरेंडर करने से पहले ही धर दबोचना चाहती है.
खुफिया एजेंसियों का कहना है, अमृतपाल अपने सहयोगियों की मदद से पिछले 48 घंटों से अमृतसर में घुसने की कोशिश करता है.
वीडियो जारी कर पुलिस को दी चुनौती
गुरुवार को अमृतपाल ने एक वीडियो जारी कर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को उसे फरारी के दौरान गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी. इसमें उसने कहा था, वह भगोड़ा नहीं है, और वह जल्द ही दुनिया के सामने आएगा.
इसी वीडियो क्लिप में उसने अपने आत्मसर्मपण की रिपोर्ट को खारिज करने की बात की. उसने कहा, जिनको ऐसा लगता है कि मैं भगोड़ा हूं और मैंने अपने साथियों को छोड़ दिया है, उनको यह भ्रम नहीं पालना चाहिए. मुझे मौत का डर नहीं है.
सरबत खालसा बुलाने का किया आह्वान
सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में उसने सिखों के जत्थेदार समुदाय से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सरबत खालसा बुलाने को कहा. उसने बाकी समुदाय को उकसाते हुए कह, मैंने जत्थेदार से सरबत खालसा बुलाने का आग्रह किया है. सरबत खालसा बुलाओ और साबित करो कि तुम जत्थेदार हो.
उसने अपनी वीडियो क्लिप में मेंशन किया, मुद्दा सिर्फ उसकी गिरफ्तारी का नहीं है बल्कि सिख समुदाय की बड़ी चिंताओं का भी है.