ड्रग्स सप्लायर कैलाश राजपूत को भारत लाने के लिए शुरू किया गया था 'ऑपरेशन बेबी', जानें क्यों रोका गया
भारत के सबसे बड़े केमिकल ड्रग्स सप्लायर कैलाश राजपूत को भारत वापस लाने की पूरी तैयारी की जा रही थी. इसको लेकर एक टीम भी बनाई जा चुकी थी. इस प्लानिंग की भनक एंटी नारकोटिक्स सेल के किसी भी अधिकारी को नहीं थी.
नई दिल्ली: बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्म 'बेबी' में अक्षय कुमार अपनी टीम के साथ दुबई में जाकर एक अंडरकवर ऑपरेशन करते हैं और पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी को भारत लाने में कामयाब हो जाते हैं. कुछ इसी तरह के 'ऑपरेशन बेबी' की तैयारी में मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल जुटी थी. जिस समय इस ऑपरेशन को किए जाने की तैयारी की जा रही थी उस समय एंटी नारकोटिक्स सेल के चीफ आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे थे. इस ऑपरेशन बेबी के तहत शिवदीप लांडे भारत के सबसे बड़े ड्रग्स सप्लायर कैलाश राजपूत को भारत लाने वाले थे.
कैसे होने वाला था 'ऑपरेशन बेबी'
2018 के मामले में कैलाश राजपूत का नाम सामने आने के बाद भारत में सबसे पहले मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज शिवदीप लांडे ने उसे पकड़ने की मुहिम छेड़ी थी. उसके खिलाफ पूरे सबूत इकट्ठा किए थे और उन सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ एलओसी जारी की गई थी. शिवदीप लांडे ने तो ऑपरेशन बेबी की तैयारी भी कर ली थी जिसके अंतर्गत मुंबई पुलिस की एक टीम एक अंडरकवर ऑपरेशन करके कैलाश राजपूत को दुबई से भारत लाना था.
सूत्रों की माने तो शिवदीप लांडे ने यह पूरी प्लानिंग की थी जिसकी भनक एंटी नारकोटिक्स सेल के किसी भी अधिकारी को नहीं थी. यह पूरा प्लान 2019 के आखिरी कुछ महीनों में शुरू किया गया था जिस पर अमल मार्च 2020 में होना था. मुंबई पुलिस के पास कैलाश राजपूत के पल-पल की खबर थी जैसे कि दुबई के किस होटल में वह खाता है, किस सड़क से वह जाता है और किस-किस से वह मिलता है?
शिवदीप लांडे ने इन जानकारी के मिलने के बाद एक 4 से 6 लोगों की टीम बनाई थी. यह अधिकारी एंटी नारकोटिक्स सेल के नहीं थे. उन्हें यह भी नहीं पता था कि उन्हें दुबई जाकर क्या करना है. उन्हें सिर्फ इतना कहा गया था कि दुबई जाकर उन्हें कुछ लोगों से मिलना है और किसी एक शख्स को भारत लाना है.
सूत्रों की मानें तो उस वक्त के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) संतोष रस्तोगी ने शिवदीप लांडे के कहे अनुसार इस ऑपरेशन को हरी झंडी दे दी थी जिसके बाद टीम के लिए दुबई जाने की टिकट बुक की गई थी. तभी अचानक से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए भारत भर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई. इसके बाद इस ऑपरेशन को वही रोक दिया गया. अधिकारी बताते हैं कि अगर लॉकडाउन की घोषणा 2 हफ्ते बाद होती तो शायद कैलाश राजपूत जैसा बड़ा ड्रग्स सप्लायर जेल की सलाखों के पीछे होता.