आगरा: भले ही आप खाने के लिए ब्रांडेड प्रोड्क्टस खरीद रहे हों लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उसमें असली सामना ही हो. दरअसल एबीपी न्यूज़ ने एक बड़ी पड़ताल 'ऑपरेशन छत्ता बाजार' में पाया कि घी, तेल जैसे कई सामान बाजार में हैं जिसकी पैकिंग तो ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के नाम पर है लेकिन उसमें नकली सामान भरकर ग्राहकों को बेजा जा रहा है. यह गोरखधंधा उत्तर प्रदेश के आगरा के छत्ता बाजार में चल रहा है.
छत्ता बाजार की गलियों में नकली सामान बनाने से लेकर भरने तक और फिर सप्लाई तक का इंतजाम होता है. पड़ताल में पाया गया कि ब्रांडेड जैसे दिखने वाले पैकेट में नकली घी भरा जाता है और फिर उसे बाजार तक पहुंचाया जाता है. घी के पैकेट पर भारत सरकार की शुद्धता का प्रमाण वाला लोगो और लाइसेंस नंबर भी दर्ज रहता है. पैकिंग के बाद नकली असली का पता लगाना मुश्किल होता है. लेकिन बड़े व्यापारी इस खेल को जानते हैं. उन्हें ऑरिजनल से कम दामों पर नकली सामान मिल जाता है.
घी की तर्ज पर रिफाइन तेल भी छत्ता बाजार में आसानी से उपलब्ध है. बाजार में ब्रांडेड रिफाइन का जो टीन 1460 रुपये का मिलता है. वह छत्ता बाजार में 1200 रुपये में उपलब्ध है. यानि नकली तेल की हर टीन पर 260 रुपए का मुनाफा होता है.
FICCI-CASCADE के 2015 के आंकड़े के मुताबिक, 6 हजार करोड़ रुपये का नकली सामान का बाजार है. FMCG के कुल बाजार का 31.6 प्रतिशत नकली या घटिया है वहीं पैक्ड फूड का 21.7 प्रतिशत नकली माल का बाजार है. बाजार के हर सामान का पांचवां हिस्सा नकली है.