ढाका: भारत ने बांग्लादेश में म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के लिए गुरुवार को 53 टन राहत सामग्री भेजी. पड़ोसी बौद्ध बहुल देश म्यांमार में जातीय हिंसा के बाद ये रोहिंग्या मुस्लिम बड़ी तादाद में बांग्लादेश आ गए. बांग्लादेश ने बड़ी तादाद में शरणार्थियों के आने से वहां उपजी समस्याओं के बारे में भारत को सूचना दी थी, जिसके कुछ दिन बाद भारत की ओर से सहायता की यह पहली खेप पहुंची है.


चावल, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, चाय, नूडल्स, बिस्कुट और मच्छरदानी जैसी चीजें भेजी


बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुआज्जम अली ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में विदेश सचिव एस जयशंकर से मुलाकात कर रोहिंग्याओं के मुद्दे पर विस्तार में चर्चा की थी. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘बांग्लादेश में बड़ी तादाद में आ रहे शरणार्थियों के चलते उपजे मानवीय संकट के जवाब में भारत सरकार ने बांग्लादेश की सहायता करने का फैसला किया है.’’ इसमें कहा गया कि राहत सामग्री में प्रभावित लोगों के लिए तुरंत आवश्यक सामग्री जैसे कि चावल, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, चाय, नूडल्स, बिस्कुट और मच्छरदानी जैसी चीजें शामिल हैं.


दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘भारत ने ‘‘ऑपरेशन इंसानियत : हाई कमीशन’’ के तहत बांग्लादेश को मानवीय सहायता की पहली खेप सौंपी.’’ इसके अनुसार, ‘‘बांग्लादेशी के लिये 53 एमटी भारतीय मानवीय सहायता की पहली खेप #ऑपरेशन इंसानियत@सुषमास्वराज के तहत बांग्लादेश पहुंची.’’ भारत बांग्लादेश को 7000 टन राहत सामग्री उपलब्ध कराएगा.





सहायता सामग्री लेकर आए भारतीय विमान के दक्षिणपूर्व बंदरगाह शहर चटगांव में उतरने पर बांग्लादेश के सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादर ने भारतीय उच्चायुक्त हर्ष वर्धन सिंघल से सामग्री प्राप्त की. दूतावास ने कहा कि कादर ने इस सहायता की तुलना साल 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भारत की ओर से बांग्लादेश को उपलब्ध कराई गई सहायता से की.