Sudan Crisis: अफ्रीकी देश सूडान में छिड़े गृहयुद्ध चलते वहां पर हालात बद से बदतर होते चले जा रहे हैं. हिंसा के कारण स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ प्रवासियों को परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है. भारत ने सूडान से देश के नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया है. इसके तहत भारत ने अब तक 1100 लोगों को वहां से सुरक्षित वापस निकाल लिया है. इसी क्रम में नया जत्था बेंगलुरु पहुंचा.


केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि भारत 362 भारतीयों का स्वागत करता है क्योंकि एक और ऑपरेशन कावेरी फ्लाइट बेंगलुरु पहुंच गई है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली पहुंचने वाली फ्लाइट के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट करते हुए कहा, “एक और 6-17 फ्लाइट 392 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची.” वहीं, बेंगलुरु पहुंचे यात्रियों ने सुरक्षित वापसी पर खुशी जाहिर की.


क्या कहा यात्रियों ने?


समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सूडान से वापस लौटी एक लड़की ने कहा, “मैं खुश होने के साथ-साथ दुखी भी हूं क्योंकि मेरे सभी साथी वहीं छूट गए. वो अब अपने-अपने देशों को जा रहे हैं.” वहीं, दूसरी तरफ एयरपोर्ट पर पहुंचे यात्रियों को खाना खाते और जूस पीते हुए भी देखा गया. भारत सरकार की ओर से बताया गया है कि इंडियन एयर फोर्स के C17 ग्लोबमास्टर विमानों से भारतीयों को सूडान से लाया जा रहा है. गुरुवार (27 अप्रैल) की रात 135 भारतीयों को लेकर सातवां विमान IAF C-130J जेद्दाह एयरपोर्ट पर पहुंचा.










भारतीय दूतावास कर रहा चौबीसों घंटे काम


इससे पहले, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 'ऑपरेशन कावेरी' मिशन के तहत अफ्रीकी देश से मुंबई पहुंचे कुछ लोगों ने कहा कि सीमित कर्मचारियों के बावजूद, युद्धग्रस्त देश में फंसे लोगों को निकालने के लिए सूडान में भारतीय दूतावास ने चौबीसों घंटे काम किया. गुरुवार (27 अप्रैल) को मुंबई पहुंचे इन यात्रियों ने पिछले सात दिनों के अपने खौफनाक अनुभव सुनाए.


39 साल के बिजनेसमैन अब्दुल कादिर ने कहा कि खार्तूम में स्थिति बिगड़ने के बाद, भारत के राजदूत बी एस मुबारक और उनके आठ अधिकारियों की टीम ने अथक प्रयास किया. सीमित कर्मचारियों के साथ, उन्होंने असीमित काम किया.  उन्होंने कहा, भारतीय दूतावास इस अवधि के दौरान 24×7 काम कर रहा था. वो खुद शहर के सबसे बुरी तरह प्रभावित हिस्से में फंस गए थे, लेकिन वह लगातार कर्मचारियों के संपर्क में थे. कादिर ने कहा कि राजदूत ने प्रत्येक इलाके में भारतीयों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए और यह सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति को मदद मिले.


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