फारस की खाड़ी से जहाजों को सुरक्षित निकालने के भारत ने शुरू किया 'ऑपरेशन संकल्प'
गुरूवार को ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ में अमेरिका के एक ड्रोन को मार गिराया. हालांकि अमेरिका का मानना है कि ये ड्रोन इंटरनेशनल एयर-स्पेस में था लेकिन ईरान का दावा है कि वो ईरान के एयर-स्पेस में था इसलिए उसे मार गिराया. इस घटना के बाद माना जा रहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ सकती है जिसका असर फारस की खाड़ी से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों पर पड़ सकता है.
नई दिल्ली: फारस की खाड़ी में ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ती तनातनी को देखते हुए भारत ने यहां से गुजरने वाले जहाजों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन 'संकल्प शुरु' कर दिया है. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को जिम्मेदारी दी गई है कि फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होरमुज़-स्ट्रेट से गुजर रहे भारत के जहाजों को सुरक्षित वहां से निकालना है.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा के मुताबिक आईएनएस चेन्नई और आईएनएस सुनयना को ओमान की खाड़ी में तैनात किया गया है. ताकि वहां से गुजरने वाले सभी भारतीय जहाज सुरक्षित अपने देश लौट सकें. इसके अलावा भारतीय नौसेना के टोही विमान भी आसमान से नजर रखें हुए हैं कि भारतीय जहाज सुरक्षित वहां से निकल सकें. कैप्टन शर्मा के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के करीब गुरूग्राम में हिंद महासागर के लिए बने इंफोर्मेशन फ्यूज़न सेंटर से भी पूरे खाड़ी-क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं.
आपको बता दें कि गुरूवार को ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ में अमेरिका के एक ड्रोन को मार गिराया. हालांकि अमेरिका का मानना है कि ये ड्रोन इंटरनेशनल एयर-स्पेस में था लेकिन ईरान का दावा है कि वो ईरान के एयर-स्पेस में था इसलिए उसे मार गिराया. इस घटना के बाद माना जा रहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ सकती है जिसका असर फारस की खाड़ी से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों पर पड़ सकता है. इस मेरिटाइम-रूट से भारत के ऑयल-टैंकर (जहाज), कार्गो और कॉमर्शियल जहाज बड़ी तादाद में गुजरते हैं इसलिए उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है. क्योंकि कुछ दिन पहले ही ईरान के तट पर खड़े दो कॉमर्शियल जहाजों में आग लग गई थी. माना जा रहा है कि ये आग किसी मिसाइल के जरिए लगी थी.
खाड़ी क्षेत्र की स्थिति को भांपते हुए ही भारत के जहाजरानी मंत्रालय ने 13 और 16 जून को एडवायजरी जारी करते हुए सभी भारतीय जहाजों को सुरक्षा के एतिहायती कदम उठाने के लिए कहा था. कैप्टन शर्मा ने आज बयान जारी करते हुए कहा कि "भारतीय नौसेना, हिंद महासागर में भारतीय समुद्री व्यापार और जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चि करने के लिए प्रतिबद्ध है और एक स्थिर और शांतिपूर्ण महासागर क्षेत्र को बनाए रखने में सहयोग कर रही है.''