नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वोटिंग के लिए दो हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है. इस बीच एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया है. सर्वे के मुताबिक, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पश्चिम बंगाल में जीत की हैट्रिक लगा सकती है.
बीजेपी को इस चुनाव में पिछले चुनावों की तुलना में जबरदस्त फायदा तो हो रहा है लेकिन सत्ता का स्वाद चखने में नाकामयाब दिख रही है. वहीं कांग्रेस-लेफ्ट को इस चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. सी वोटर ने लोगों से कई अन्य सवाल भी किए हैं.
सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है?
सर्वे में पूछा गया कि उनके लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है? 35% लोगों का कहना था कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. 20 फीसदी लोग बिजली-पानी को बड़ा मुद्दा मानते हैं. वहीं कोरोना को 15 फीसदी, कानून व्यवस्था को 4 फीसदी, भ्रष्टाचार को 12 फीसदी, सीएए-एनआरसी को 6 फीसदी, घुसपैठ को 2 फीसदी लोग मुद्दा मानते हैं.
अगला सवाल था कि चुनाव के अहम फैक्टर क्या क्या होंगे?
15 % को AIMIM का ध्रुवीकरण मुद्दा लगता है, 19 % को लगता है कि टीएमसी के बागियों से चुनाव तय होगा, 29 % का मानना है कि ममता बनर्जी की द्वारे सरकार योजना बड़ी भूमिका निभायेगी. 8 % का मानना है कि बीजेपी में घोटाले के आरोपियों का जाना मुद्दा होगा. 5% को लगता है कि राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद से चुनाव तय होगा, 6 % को लगता है कि बीजेपी का आक्रामक प्रचार चुनाव की दिशा तय करेगा, जबकि 18% लोग दूसरे मुद्दों को बड़ा फैक्टर मानते हैं.
ममता सरकार के प्रदर्शन को आप कैसा मानते हैं?
52 फीसदी लोगों ने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रदर्शन अच्छा बताया, जबकि 22% ने औसत और खराब बताने वालों की संख्या 26% है.
CM के तौर पर ममता बनर्जी का कामकाज कैसा है?
54% लोगों ने अच्छा कहा. 20 फीसदी ने औसत बताया और 26% का कहना था कि ममता बनर्जी ने खराब काम किया है.
PM के तौर पर नरेंद्र मोदी का कामकाज कैसा है?
46% लोगों ने अच्छा बताया है. 16% ने औसत और 38% ने खराब बताया.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती दो मई को होगी.
सी वोटर सर्वे नोट: सभी पांच राज्यों की 824 विधानसभा सीटों पर 52 हजार 997 लोगों से बात की गई है. इसमें पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 19 हजार 314 लोगों से बात हुई है. सर्वे 28 फरवरी से 13 मार्च तक किया गया है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.