Explained: कांग्रेस, शिवसेना और टीएमसी से लेकर AAP तक... जानें किन बड़े विपक्षी दलों के नेताओं पर आई जांच की आंच
Opposition Parties: पात्रा चॉल मामले में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) जेल में हैं. शिक्षक भर्ती मामले में TMC के पार्थ चटर्जी के खिलाफ ED की कार्रवाई हुई.
BJP Vs Opposition Leaders: देश में भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर सियासी मंचों से लेकर सामाजिक मंचों तक अक्सर चर्चा होती रहती है. देश के कई राज्यों में भ्रष्टाचार, मनीलॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का विषय बहस का मुद्दा रहा है. आज हम नजर डालते हैं तो पता चलता है कि विपक्ष की कई पार्टियों के नेताओं के खिलाफ कहीं ईडी की टीम जांच कर रही है तो कहीं सीबीआई की टीम छापेमारी कर रही है. कांग्रेस, शिवसेना और टीएमसी (TMC) से लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) तक के नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग, आय से अधिक संपत्ति या फिर किसी दूसरे मामलों में जांच का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी इससे नहीं बच पाए हैं.
हाल में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut), टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) के खिलाफ ईडी की पूछताछ और अभी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी के बाद से पूरे देश में सियासत गरम है. हालांकि आरोप ये भी लग रहे हैं कि बीजेपी के नेता कोई दूध के धुले नहीं हैं.
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल गांधी से पूछताछ
नेशनल हेराल्ड से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी (ED) की टीम कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तलब कर चुकी है. इस मामले में सोनिया गांधी से अब तक तीन दिन पूछताछ हो चुकी है. वहीं, इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी इस मसले को लेकर ईडी के अधिकारियों ने कई घंटों तक पूछताछ की. अगस्त के शुरूआत में ईडी ने कई जगहों पर छापेमारी भी की थी. ईडी के अधिकारियों ने दोनों नेताओं से एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के बीच हुए लेनदेन को लेकर पूछताछ की थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम
प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर भी अपना शिकंजा कसने में देर नहीं की थी. इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ईडी की टीम अब भी जांच कर रही है. ईडी ने इससे पहले इस मामले में पी चिदंबरम को गिरफ्तार भी किया था.
कार्ति चिदंबरम पर भी ED ने कसा शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) पर भी शिकंजा कस चुकी है. तलवंडी साबो पावर लिमिटेड परियोजना घूस मामले में जांच एजेंसी के अधिकारी कार्ति चिदंबरम से कई घंटों तक पूछताछ कर चुके हैं. इस मामले में आरोप लगाया गया था कि यूपीए सरकार के दौरान गृह मंत्रालय ने 2011 में कार्ति चिदंबरम की रिश्वत के बदले चीनी नागरिकों के लिए कथित रूप से अवैध वीजा को मंजूरी दी थी. उस वक्त कार्ति के पिता यानी पी चिदंबरम गृह मंत्री थे.
मनीष सिसोदिया के घर CBI छापा
सीबीआई (CBI) ने 19 अगस्त को एक्साइज पॉलिसी से संबंधित मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की. सीबीआई ने शराब नीति के निर्माण और इसे लागू करने में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. डिप्टी CM पर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है. सिसोदिया पर एयरपोर्ट पर शराब बेचने का लाइसेंस लेने वालों को 30 करोड़ रुपये रिफंड का भी आरोप है क्योंकि वो एयरपोर्ट अथॉरिटी से NOC नहीं हासिल कर पाए. बताया जा रहा है कि ये पैसा रिफंड करने की जगह जब्त किया जाना चाहिए था.
सत्येंद्र जैन पर शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन समेत कई और को नामजद करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी की चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन सहित 4 प्राइवेट फर्मों को आरोपी बनाया गया. इन सभी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं के तहत उल्लंघन का आरोप है. ईडी की टीम ने 6 जून को दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी की थी. इस दौरान सत्येंद्र जैन के सहयोगियों से 2.85 करोड़ कैश और 1.80 किलोग्राम वजन वाले 133 सोने के सिक्के जब्त किए गए थे. कई दस्तावेज भी जब्त किए गए थे.
पात्रा चॉल मामले में संजय राउत की गिरफ्तारी
शिवसेना सांसद संजय राउत को ईडी (ED) ने पात्रा चॉल जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई घंटों की पूछताछ के बाद 1 अगस्त को गिरफ्तार किया. राउत फिलहाल आर्थर रोड जेल में हैं. ईडी के अनुसार गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का जिम्मा दिया गया था, लेकिन कंपनी ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट निर्माण किए ही ये जमीन कई बिल्डर्स को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से प्रोजेक्ट शुरू कर फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए थे. साल 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के अकाउंट में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इसी पैसे से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा था.
अनिल देशमुख भी खा रहे जेल की हवा
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की गिरफ्तारी हुई थी. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत देशमुख को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था. देशमुख भी अभी आर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) में बंद हैं. साल 2021 में 24 अगस्त को इनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था.
नवाब मलिक की गिरफ्तारी
महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी के दिग्गज नेता नवाब मलिक भी ईडी के शिकंजे में हैं और जेल में बंद हैं. उन पर मनीलॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. ईडी ने एनसीपी नेता नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके कुछ करीबी सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक इस मामले में नवाब मलिक के खिलाफ अदालत में 5 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी.
अभिषेक बनर्जी भी जांच के दायरे में
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी प्रदेश में एक कथित कोयला घोटाले में ईडी की जांच के दायरे में हैं. उनकी पत्नी के खिलाफ भी ईडी की जांच बैठी है. जांच एजेंसी ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करते हुए कोयले की तस्करी में संलिप्तता के आरोप लगाए थे.
पार्थ चटर्जी पर ईडी का शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) में पूर्व मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामले में 25 जुलाई को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामद किए थे. कई कागजात भी बरामद किए गए थे. टीएमसी (TMC) ने कैश बरामद होने के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था.
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