Mallikarjun Kharge Seat Controversy: द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में भारत के 15वें राष्ट्रपति (President) के रूप में शपथ दिलाई गई. हालांकि, समारोह में विवाद खड़ा हो गया और विपक्षी दलों द्वारा राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति को एक पत्र सौंपा गया जिसमें कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का अनादर करने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस (Congress) और कई अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को दावा किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी.
उन्होंने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर ये दावा भी किया कि एक वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है जिसको लेकर वे हैरानी और विरोध जताते हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर ये पत्र साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है.
मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट पर विवाद
पत्र में इन दलों ने कहा, "आज राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है. हम वरिष्ठ नेता के प्रति दिखाए गए इस अपमान पर अपना विरोध व्यक्त करने के लिए लिख रहे हैं."
संसद के केंद्रीय कक्ष में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी. द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) 64 साल की उम्र में भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनी हैं. साथ ही वे आजादी के बाद जन्म लेने वाली पहली शख्सियत हैं जो राष्ट्रपति बनीं.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने दिया जवाब
इस मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, "मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है. शपथ ग्रहण समारोह गृह मंत्रालय आयोजित करता है और उसका एक वरीयता क्रम है जिसमें विपक्ष के नेता की सीट तीसरी पंक्ति में आती है."
"बीच में सीट लेने से किया इनकार"
उन्होंने कहा कि, "मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की वरिष्ठता और उनके पद का सम्मान करते हुए हमने उन्हें पहली पंक्ति में एक सीट प्रदान की गई. जब उन्होंने सीट के कोने में होने की शिकायत की तो कर्मचारियों ने उन्हें बीच में ले जाने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. शनिवार को राष्ट्रपति के विदाई समारोह में भी उनको प्रधानमंत्री (PM Modi) की बगल वाली सीट दी गई थी, लेकिन वह उस दिन नहीं आए थे. एक तरह से ये राष्ट्रपति, सभापति और स्पीकर का अपमान था."
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