विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के कुछ घटक दलों ने गुरुवार (14 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए सेना और पुलिस के तीन अधिकारी शहीद हो गए थे उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्यालय पहुंचने पर जश्न का आयोजन क्यों किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि इस जश्न को एक-दो दिन टाला भी जा सकता था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार शाम बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. 9 और 10 सितंबर को यहां भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के बाद मोदी का पार्टी मुख्यालय का यह पहला दौरा था. बीजेपी मुख्यालय पहुंचने पर वहां बड़ी संख्या में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री पर फूलों की वर्षा की और 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए.
कुछ हो जाए, पीएम अपनी वाहवाही को टाल नहीं सकते- पवन खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने X (ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'जिस समय सीमा पर हमारी सेना के तीन अधिकारियों के शहीद होने की दुखद खबरें आ रही थीं उसी समय बीजेपी मुख्यालय में बादशाह के लिए जश्न की महफिल सजी थी. चाहे कुछ भी हो जाए, प्रधानमंत्री अपनी वाहवाही को टाल नहीं सकते.'
RJD और शिवसेना (UBT) ने भी बोला हमला
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा, 'कल जब हमारे जवानों की शहादत हो रही थी, तो हमने देखा कि भाजपा मुख्यालय में जश्न मनाया जा रहा था, लाल गुलाब का जश्न था. हम सभी ने वो दृश्य देखे. एक दिन इंतजार कर लेते, दो दिन इंतजार कर लेते.' उन्होंने कहा, 'मेरे देश के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जश्न मना रहे थे, जबकि 29 दिन के बच्चे ने अपने पिता को खो दिया. इन छवियों के साथ यह देश सांस नहीं ले पाएगा.' शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'इसे (जश्न) टाला जा सकता था. अधिक संवेदनशीलता की उम्मीद की जा सकती थी, खासकर उस दिन जब हमारे सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकवादियों के साथ भीषण लड़ाई लड़ी. हमारे तीन बहादुर लोग पहले ही देश के लिए अपनी जान दे चुके हैं, जबकि कई लोगों के घायल होने की खबर है.'
अनंतनाग एनकाउंटर में सेना के तीन अधिकारी शहीद
जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल सहित तीन अधिकारी शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक, जम्मू कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई.
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