Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इसी बीच अब विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. इस डेलीगेशन में अलग-अलग विपक्षी दलों के कुल 21 नेता शामिल थे. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर जानकारी दी. जिसमें उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है, राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वो इसे लेकर विचार करेंगीं.
माइक बंद करने का लगाया आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति जी से हम मिले और जो घटना मणिपुर में घट रही है उस पर बातचीत हुई. INDIA के तमाम सांसदों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और मणिपुर को लेकर उन्हें जानकारी दी. इस दौरान खरगे ने फिर दोहराया कि उन्हें संसद में बोलने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे माइक को बंद कर दिया जाता है. मुझे नहीं पता मैं जब उठता हूं दो सेकेंड मे ही मेरा माइक बंद कर देते हैं.
'सरकार नहीं चाहती मणिपुर पर चर्चा'
खरगे ने आगे कहा, चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि जितना महत्व रूलिंग पार्टी को देते हैं उतना ही विपक्ष को भी देते हैं, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे बोलने नहीं दिया जाता है. मेरा माइक बंद कर दिया जाता है. सरकार नहीं चाहती है कि मणिपुर पर चर्चा हो. खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर जाना चाहिए था.
हरियाणा के नूंह समेत अलग-अलग जगह हुई हिंसा को लेकर भी मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हरियाणा में जो दंगे हो रहे हैं वो प्रधानमंत्री के दफ्तर से सौ किमी भी दूर नहीं है. प्रधानमंत्री तो दिल्ली का ही संज्ञान नहीं लेते हैं.
बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर पिछले कई दिनों से विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर हंगामा जारी है. विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर संसद में जवाब दें.
ये भी पढ़ें - Haryana Nuh Clash: नूंह हिंसा में अबतक 6 की मौत, 116 गिरफ्तार, CM बोले- चप्पे-चप्पे पर पुलिस रख रही पैनी नजर