INDIA Mumbai Meeting: विपक्ष के 26 दलों के गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) की अगली बैठक मुंबई (Mumbai) में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद इस बैठक का महत्व और बढ़ गया है. इस बैठक के आयोजन को लेकर शनिवार (5 अगस्त) को महा विकास अघाडी (MVA) की मीटिंग भी हुई है.
एमवीए की बैठक के बाद कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि इस मीटिंग में शरद पवार, अशोक चव्हाण, नाना पटोले, उद्धव ठाकरे, संजय राउत समेत कई नेता शामिल हुए. इसमें तय किया गया कि मुंबई में होने वाली बैठक की अगुवाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) करेगी. मुंबई आने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया जाएगा.
विपक्ष की बैठक में लिए जा सकते हैं ये फैसले
इस बैठक में विपक्षी गठबंधन के संयोजक के नाम के साथ-साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूला पर भी फैसला हो सकता है. विपक्षी पार्टियों की ये तीसरी बैठक है. इससे पहले विपक्षी दलों की 23 जून को पटना में और 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में मीटिंग हुई थी. आखिरी बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गठबंधन का नाम 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) रखने की घोषणा की थी.
सीट बंटवारे पर हो सकती है चर्चा
मल्लिकार्जुन खरगे ने 18 जुलाई को कहा था कि विपक्ष की अगली बैठक मुंबई में होगी जिसमें 11 सदस्यीय समन्वय समिति गठित की जायेगी. समन्वय समिति के सदस्य संयोजक का नाम तय करेंगे. पिछली बैठक में आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी पार्टियों से सीटों के बंटवारे को जल्द शुरू करने की मांग की थी. ऐसे में चर्चा है कि तीसरी बैठक में सीट बंटवारे पर फैसला हो सकता है.
राहुल गांधी को राहत मिलने से कांग्रेस उत्साहित
राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद अब विपक्षी दल खासकर कि कांग्रेस नेता ज्यादा जोश में नजर आएंगे. सियासी गलियारों में चर्चा है कि राहुल गांधी को राहत मिलने से कांग्रेस के सुर बदल सकते हैं. अभी तक विपक्षी गठबंधन ने न प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय किया है और न ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर कोई फैसला हुआ है. राहुल गांधी को राहत मिलने के बाद अब कांग्रेस बाकी दलों पर दबाव बनाने की स्थिति में है.
बदल सकते हैं कांग्रेस के सुर
विपक्षी दलों की अब तक हुई बैठकों में कांग्रेस पीएम चेहरे के सवाल को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही थी. क्योंकि राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी, लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दो साल की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी संसद सदस्यता बहाल करने और चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया है तो कांग्रेस के सुर बदल सकते हैं.
क्या राहुल गांधी होंगे विपक्षी गठबंधन के नेता?
राहुल गांधी को लेकर पिछली बैठक के बाद हुई संयुक्त पीसी में टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि राहुल गांधी हमारे फेवरेट नेता हैं. इसके अलावा पहली बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इशारों-इशारों में राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन का नेता बनने की बात कह चुके हैं. लालू यादव ने राहुल गांधी को जल्द शादी करने की सलाह देते हुए कहा था कि आप शादी का फैसला लीजिए, आपके बाराती हम बनेंगे. बिना पत्नी के पीएम आवास में रहना गलत होगा.
नीतीश कुमार की नाराजगी की चर्चा
इस बैठक को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी सबकी नजरें होंगी. दूसरी बैठक के बाद नीतीश कुमार के नाराज होने की चर्चा है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार इस बात को लेकर नाराज हैं कि उन्हें अभी तक संयोजक नहीं बनाया गया है. अगर कांग्रेस बवाल नहीं करती है तो मुंबई की बैठक में संभवत: उनके नाम का ऐलान हो सकता है.
अमित शाह ने कहा- टूट जाएगा विपक्षी गठबंधन
इन सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अरविंद केजरीवाल को लेकर दिए गए बयान से भी हलचल तेज है. अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश वाले बिल पर चर्चा के दौरान कहा था कि विपक्षी गठबंधन से कोई फायदा होने वाला नहीं है. फिर से पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि ये बिल पास होने के बाद आम आदमी पार्टी आपके साथ किसी गठबंधन में आने वाले नहीं है. विपक्षी गठबंधन वैसे भी टूटने वाला है.
आप सांसद राघव चड्ढा ने किया पलटवार
अमित शाह के इस बयान पर आप सांसद राघव चड्ढा ने पलटवार करते हुए कहा था कि बीजेपी नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डरे हुए हैं. उन्हें एहसास हो गया है कि वे दिल्ली में कभी भी सरकार नहीं बना सकते हैं. बीजेपी की ओर से विपक्षी गठबंधन में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने इंडिया गठबंधन को फेविकोल के जोड़ की तरह मजबूत करार दिया.
ये भी पढ़ें-