Opposition Alliance INDIA Seat Sharing: देश की सियासत और संसद में इन दिनों हंगामा चल रहा है. वजह दोनों ही जगह विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक, सत्ता पक्ष के सभी नेता इस गठबंधन पर हमलावर हैं 


प्रधानमंत्री मोदी ने इस गठबंधन की इंडियन मुजाहिदीन से तुलना कर दी तो गृह मंत्री शाह ने संसद में इस गठबंधन को 'कुछ दिन' का साथ बता दिया. गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक, इस गठबंधन से सबसे पहले अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) अलग होगी. शाह ने कहा कि आम आदमी पार्टी गठबंधन में दिल्ली सेवा बिल को पास होने से रुकवाने के लिए शामिल हुई थी और जल्द यह गठबंधन से बाहर होगी.


वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गठबंधन INDIA को लेकर आ रहे बीजेपी के बयानों पर हमलावर हैं. उनका कहना है कि जब से 'इंडिया' गठबंधन बना है, बीजेपी की नींद काफूर हो गई है. यही वजह है कि वे बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं.


क्या विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन INDIA का गणित नजर आएगा?


दिल्ली सेवा बिल के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन एक साथ नजर आया लेकिन इसका असली सेमीफाइनल टेस्ट तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के आगामी चुनावों में दिख जाएगा. दरअसल, अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन का गणित नजर आएगा या फिर गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही लागू होगा. 


हालांकि, इस पर AAP और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां फिलहाल कुछ भी साफ कहने से बच रही हैं. अब चूंकि ये चुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही होने वाले हैं और इनके नतीजों पर 2024 के आम चुनाव के नतीजे भी काफी हद तक निर्भर करने की संभावना है, इसलिए इन चुनावों में गठबंधन INDIA कैसे काम करेगा, यह देखना होगा. 


इस मामले में जब AAP के राष्ट्रीय संगठन महासचिव संदीप पाठक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी चीजें तय होनी बाकी हैं. विपक्षी दलों की आने वाले दिनों में होने वाली बैठक में साफ होगा. 


राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में AAP और कांग्रेस की क्या रहेगी रणनीति?


AAP राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है तो फिर गठबंधन के हिसाब से चुनाव कैसे लड़ा जाएगा? यह पूछे जाने पर संदीप पाठक ने कहा कि चूंकि अब हम INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, इसलिए अब INDIA गठबंधन की आगे की बैठकों में जो तय होगा, उसी के हिसाब से तैयारी की जाएगी.


विपक्षी गठबंधन INDIA की अगली बैठक अगस्त के आखिरी हफ्ते में मुंबई में होनी है. सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी. अगर ऐसा होता है तो क्या लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भी सीट शेयरिंग को लेकर कोई फॉर्मूला तैयार होगा? 


अरविंद केजरीवाल उठा चुके हैं सीट शेयरिंग फॉर्मूले की बात


बता दें कि बेंगलुरु में हुई 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में भी अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और कहा था कि सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर जल्द से जल्द बात होनी चाहिए, वरना मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 


ऐसे में माना जा रहा है कि मुंबई में होने वाली बैठक में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बहुत कुछ निकल सकता है. गठबंधन मजबूत रहेगा, कांग्रेस यह तो कह रही है लेकिन राज्यों के चुनाव में क्या यह गठबंधन रह पाएगा या फिर मजबूत पार्टी के लिए दूसरी पार्टी सीट छोड़ेगी, इसे लेकर अभी कांग्रेस में स्पष्टता नहीं है. 


गठबंधन को लेकर हरीश रावत का बयान


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने इस पर कहा, ''गठबंधन टूटने को लेकर लोगों को गलतफहमी है. जो गठबंधन को कमजोर करने का काम करेगा, वह INDIA को कमजोर करने का काम करेगा. ये सभी घटक दल जानते हैं और INDIA को कोई कमजोर नहीं करेगा, सब लोग साथ हैं.''


यह भी पढ़ें- Manipur Violence: अमित शाह बोले, 'पीएम मोदी ने सुबह के साढ़े 4 बजे फोन किया और...', सीएम को नहीं हटाने पर भी दिया बयान