भारत बंदः महंगाई पर पीएम मोदी के पुराने भाषणों के सहारे विपक्ष ने चलाए तीर
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के बड़े नेता जिस धरना स्थल पर जमा हुए थे वहां भी अंतिम भाषण के बाद पीएम मोदी के पुराने भाषण के अंश लाऊड स्पीकर पर काफी देर तक बजते रहे.
नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों और महंगाई पर सरकार के खिलाफ बुलाए भारत बंद में कांग्रेस समेत विपक्षी मोर्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही पुराने बयानों को हथियार बनाकर हमला बोला. यूपीए सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ गुजरात मुख्यमंत्री के तौर पर दिए मोदी के भाषण और बयान बाकायदा विरोध प्रदर्शन के मंच से बजाए और सुनवाए गए.
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के बड़े नेता जिस धरना स्थल पर जमा हुए थे वहां भी अंतिम भाषण के बाद पीएम मोदी के पुराने भाषण के अंश लाऊड स्पीकर पर काफी देर तक बजते रहे. यह अधिकतर पीएम मोदी के वो पुराने भाषण थे जिनमें उन्होंने मनमोहन सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कठघरे में खड़ा किया था. साथ ही महंगाई को लेकर यूपीए सरकार के सवाल उठाए थे. इसमें पेट्रोल डीजल के दामों पर लगाम लगाने में केंद्र सरकार की जवाबदेही और आम नागरिक की परेशानी पर संवेदनशीलता की कमी बताते हुए निशाना साधा जाता था.
यहां तक कि भारत बंद के धरने पर अपने सम्बोधन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस बात को लेकर तंज कसा. राहुल ने कहा कि पहले ये प्रधानमंत्री पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर देश भर में घूम घूमकर बोला करते थे. लेकिन अब जबकि पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर के पार है, एक लीटर डीज़ल के दाम भी 80 रुपये के करीब पहुंच रहे हैं, रसोई गैस की कीमत में 2014 से अब तक 300 रुपये से अधिक का इजाफा हो चुका है तो प्रधानमंत्री चुप हैं.
धरने के मौके पर नेता भी लोकसभा में पूर्व नेता विपक्ष और मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान का हवाला देते नजर आए जिसमें बीजेपी नेता ने कहा था कि रुपये ने अपनी साख खोई और प्रधानमंत्री ने अपनी गरिमा. मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत का हवाला देते हुए विपक्षी नेताओं ने सवाल भी उठाए की अब सरकार को बताना चाहिए कि किसकी साख गिरी और और किसकी गरिमा.
वरिष्ठ कांग्रेस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि भी की कि आने वाले दिनों में पीएम और बीजेपी के अन्य आला नेताओं के बयानों का अधिक हमलावर तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा. इसके जरिए जनता के आगे बीजेपी के बड़बोले बयानों और जुमलों की कलई खोलने की रणनीति तैयार की गई है.
महत्वपूर्ण है कि ठीक 6 साल पहले बीजेपी ने भी 20 सितंबर 2012 को पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी पर यूपीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारत बंद का आयोजन किया था. रोचक है कि उस वक्त जनता दल (यू) के अध्यक्ष के तौर पर शरद यादव जैसे नेता बीजेपी के साथ थे वहीं आज आयोजित भारत बंद में वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठे थे. कमोबेश कुछ ऐसी ही कहानी वामपंथी दलों की भी है जो तब बीजेपी के साथ विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर उतरे थे और अबकी बार कांग्रेस के साथ विरोध में बराबरी से खड़े नजर आए.