Constitution Day पर संसद में कार्यक्रम का विपक्ष ने किया बहिष्कार, नाराज लोकसभा स्पीकर बोले- ये PM या पार्टी नहीं, संसद का था कार्यक्रम
Constitution Day Program: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा- ये पीएम या पार्टी का नहीं, संसद का कार्यक्रम था. ये अच्छी परंपरा नहीं है.
Constitution Day Program in Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से कुछ ही दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित एवं गरिमापूर्ण आचरण करें तथा देश एवं राष्ट्र हित में सामूहिकता के साथ काम करें ताकि आम लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव आ सके. नाराज स्पीकर ने कहा कि मैं व्यथित हूं क्योंकि विपक्षी दलों को आकर मुझसे बात करते तो मैं कुछ समाधान निकलता. उन्होंने कहा कि ये पीएम या पार्टी का नहीं, संसद का कार्यक्रम था. ये अच्छी परंपरा नहीं है.
मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बैठने की भी व्यवस्था की गई थी. ओम बिरला ने कहा कि मेरी शिकायत ये है कि प्रेस में जाने से पहले मुझे बात करते तो अच्छा रहता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो भी मुद्दा उठाना चाहती है, नियम के तहत उठा सकती है.
विपक्ष के शामिल न होने से लोकसभा स्पीकर नाराज
संविधान दिवस पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ संसद में हम देश की 135 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसद के अन्दर होने वाली चर्चा से जो अमृत निकलेगा, उससे ही आमजन के जीवन में सार्थक बदलाव संभव है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित और गरिमापूर्ण आचरण करें. संसद की मर्यादाओं और उच्च गरिमापूर्ण परम्पराओं को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.’’ बिरला ने कहा कि हमें अच्छी परम्पराओं और परिपाटियों को और सशक्त करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मनाते हुए हम अपने कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लें. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 72 वर्ष पहले आज के ही दिन हमारे देश का संविधान अंगीकार हुआ था और हमारे देश ने शांति, प्रगति और समानता के संकल्प के साथ विकास यात्रा शुरू की थी. उन्होंने कहा कि संविधान हमारे सांस्कृतिक विकास, हमारी महान सांस्कृतिक विरासत और आदर्शों का पवित्र ग्रंथ है. बिरला ने कहा कि यह हमारे अधिकारों का स्रोत है, जो हमें दायित्वों का भी बोध कराता है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान एक भावना है जो हमें जोड़ने की ताकत देती है तथा जनता की आशाओं, अपेक्षाओं और उम्मीदों को पूर्ण करने का मार्ग दिखाता है.
किस-किस ने किया बहिष्कार
उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ सामाजिक आर्थिक परिवर्तन का दस्तावेज है और ऐसे अद्भुत संविधान का निर्माण करने वाले हमारे संविधान मनीषियों को नमन करते हैं. बिरला ने कहा कि हमारा संविधान आधुनिक गीता की तरह है, जो कर्म करने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हम सामूहिकता के साथ ही हम एक भारत,श्रेष्ठ भारत को साकार कर सकते हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे प्रगतिशील संविधान को विदेशों में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. उन्होंने कहा कि संविधान में नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समानता के मौलिक अधिकारों की व्यवस्था है, ऐसे में संविधान दिवस के दिन देश के लिए अपने कर्तव्यों पर विचार मंथन करें. संविधान दिवस पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सांसद एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.
संसद में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, अकाली, शिवसेना, एनसीपी, टीएमसी, आरजेडी, आरएसपी, केरल एम. आईयूएमएल और एआईएमआईएम शामिल नहीं हुई.
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