बीएमसी मुख्यालय में बीजेपी मंत्री को दफ्तर मिलने पर विपक्ष का विरोध, कांग्रेस बोली- ऐसा कभी नहीं हुआ
राज्य की सत्ता में सत्तारूढ़ बीजेपी के पालक मंत्री को बीएमसी दफ्तर में एक कार्यालय दिए जाने का विरोध किया जा रहा है. विपक्षी नेता इसका विरोध कर रहे हैं.
Mumbai BMC Politcs: राज्य में सत्ता स्थापित करने के बाद बीजेपी ने अपना ध्यान अब बीएमसी की ओर मोड़ लिया है. 7 मार्च, 2022 को नगरसेवकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद मुंबई नगर निगम में सभी पार्टियों के दफ्तरों को सील कर दिए गया था.
लेकिन ठाकरे गुट की शिवसेना आरोप लगाती रही है कि बीएमसी का प्रशासन शिंदे सरकार के इशारे पर चल रहा है. वहीं नगर सेवकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्टी के पूर्व पार्षदों के लिए कोई सही कार्यालय नहीं बचा है लेकिन नगर निगम मुख्यालय में बीजेपी विधायकों और मंत्रियों के आने की संख्या बढ़ गयी है.
हालांकि कोई कार्यालय नहीं होने की वजह से बीजेपी नेता और उपनगर पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को मनपा मुख्यालय में एक कार्यालय दिया गया है. इस कार्यालय के मिलने से यह माना जा सकता है कि यह कार्यालय बीजेपी के पूर्व नगरसेवक, विधायक और सांसद के लिए एक उचित स्थान उपलब्ध कराएगा.
बीएमसी के इतिहास में पहली बार क्या हुआ?
मुंबई नगर निगम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि पालक मंत्री को अलग हॉल और कार्यालय उपलब्ध कराया गया है. हालांकि विपक्ष में बैठे नेता इस वजह से नाराज हैं. इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने विरोध भी जताया है. कांग्रेस नेता रवि राजा ने कहा कि मुंबई नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है. इससे पहले कभी भी अभिभावक मंत्री को बीएमसी मुख्यालय में कार्यालय नहीं दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. अब यह काम मुंबई नगर निगम करेगा.
बीते कुछ महीनों से मुंबई नगर निगम का काम-काज राज्य के प्रशासन के हाथों में है. विपक्ष का कहना है कि जब यह प्रशासन के हाथों में है और यह नियमों के उल्लंघन का काम कर रहा है. मुंबई महानगरपालिका ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों के आने के बाद भी प्रशासन को इस बात का जवाब देना होगा.
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