नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की नसीहत के बावजूद गौरक्षकों की गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है. कल फिर झारखंड में गौरक्षाकों ने एक शख्स की हत्या कर दी. विपक्ष इस तरह की घटनाओं के लिए सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहा है और सीधे-सीधे इसे प्रधानमंत्री की कथनी और करनी के अंतर से जोड़ रहा है.


झारखंड के रामगढ़ में गौरक्षकों को एक मारुति वैन में गौमांस ले जाने का शक हुआ. इन्होंने गाड़ी रुकवाई और उसमें आग लगा दी इतना ही नहीं गोरक्षकों ने दो लोगों को पकड़ा और इतना पीटा कि एक की अस्पताल में मौत हो गई.


झारखंड: रामगढ़ में गोमांस के शक में हत्या के बाद तनाव, रात में कई गाड़ियों पर पत्थरबाजी


इसी दौरान कल पीएम मोदी ने गोरक्षा के नाम पर देश में हो रही हिंसा पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि देश के मौजूदा हालत पर मुझे पीड़ा होती है. हिंसा कर रहे गोरक्षकों को बेहद सख्त संदेश देते हुए पीएम ने सवाल उठाया कि क्या किसी इंसान को मारने से गोरक्षा होती है?


पीएम मोदी ने कड़े शब्दों में गोरक्षकों को संदेश देते हुए कहा,  ”गाय के नाम पर किसी की जान लेना सही नहीं है. कानून अपना काम करेगा. इस देश में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.”


कल रात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अपने अंदाज में मजहब के नाम पर भेदभाव को लेकर अपनी बात कह डाली.


मनमोहन सिंह ने कहा, ‘’देश का माहौल दिनोंदिन खराब हो रहा है ऐसे में हिंदुस्तान में रहने वाले तमाम लोगों को ही हिंदुस्तान की हिफाजत करनी होगी.’’ पूर्व पीएम ने कहा, ‘’ मजहब के नाम पर जो गलत असर फैलाया जा रहा है, मुझे अलम्मा इकबाल की एक नज्म याद आती है....मजहब नहीं सिखाता....आपस में बैर रखना.’’


 

साबरमती आश्रम में बोले PM मोदी – ‘गोरक्षा के नाम पर किसी को मारना कैसी गोसेवा, ये बर्दाश्त नहीं’

जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के बयान में कोई तत्व नहीं दिखाई देता.

के.सी. त्यागी ने कहा, "मैं नहीं मानता कि प्रधानमंत्री की तथाकथित चेतावनी गौरक्षकों के लिए कोई मायने रखती है. प्रधानमंत्री पहले भी गौरक्षकों पर बोल चुके हैं, लेकिन इसका जमीनी हकीकत पर थोड़ा ही असर हुआ. वास्तव में वह हर बार इस तरह की सलाह गौरक्षकों को देते हैं, इसके बावजूद गाय के नाम पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.’’

पीएम मोदी के बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा- कम बोले, देर से बोले

ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या की निंदा केवल पाखंड है.’’ सांसद ओवैसी ने कहा कि गोरक्षकों को बीजेपी और संघ परिवार से शह मिल रहा है.

 



पिछले साल अगस्त में भी पीएम मोदी ने गौरक्षकों को नसीहत दी थी


ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री ने पहली बार कल गौरक्षकों को चेताया हो. पिछले साल अगस्त में भी पीएम मोदी ने गौरक्षकों को नसीहत दी थी. मोदी का ये बयान तब आया था जब गुजरात के ऊना में गोहत्या का आरोप लगाकर दलितों की पिटाई की घटना हुई थी. उस घटना के एक साल पहले ही घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी में अखलाक नाम के शख्स की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी.


केंद्रीय मंत्री की इफ्तार पार्टी में गोमांस के कबाब का चौंकाने वाला सच


गोरक्षा के नाम पर हो रही घटनाओं को लेकर इंडिया स्पेंड ने जो आंकड़े जुटाए हैं वो चौंकाने वाले हैं-




  • पिछले 8 साल में गाय को लेकर हुई हिंसक घटनाओं में से 97 प्रतिशत मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से हुई हैं.

  • बीते 8 सालों में कुल 28 लोगों की जान गई, जिनमें से 24 मुस्लिम थे.

  • बड़ी बात ये है कि आधी से ज्यादा घटनाएं सिर्फ अफवाह की वजह से हुईं.

  • गोरक्षा से जुड़ी हिंसा के आधे से ज्यादा मामले बीजेपी शासित राज्यों में हुए.


इसी साल देश के अलग अलग राज्यों में गाय के नाम पर हिंसा की अब तक 20 घटनाएं हों चुकी हैं. इसलिए गौरक्षकों की गुंडागर्दी पर लगाम लगाना बहुत जरूरी हो गया है.