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BJP Gaurav Yatra: 'अटका, लटका और भटका हुआ है विपक्ष', जेपी नड्डा का कांग्रेस पर निशाना
Gujarat News: बीजेपी गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी कमर कस ली है. पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आज प्रदेश में गौरव यात्रा भी शुरू की है.
JP Nadda In Gujarat: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष इस समय गुजरात दौरे पर हैं. वहां उन्होंने बुधवार (12 अक्टूबर) को मेहसाणा जिले में स्थित बहुचराजी मंदिर से पार्टी की 'गौरव यात्रा' की शुरुआत की और कहा कि यह यात्रा केवल बीजेपी या गुजरात तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत का “गौरव” भी स्थापित करेगी.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात के विकास को रोकने में कांग्रेस हाथ है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल “अटक, लटक और भटक गया” है. बता दें कि इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी दो दिन के अंदर पांच यात्राएं शुरू करेगी, जो गुजरात के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरेंगी.
हरी झंडी दिखाकर यात्रा रवाना किया
नड्डा ने बुधवार को मेहसाणा जिले के बहुचराजी से यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. हिंदू देवी बहुचरा के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. बहुचराजी से शुरू हुई यह यात्रा 20 अक्टूबर को कच्छ के मांडवी में समाप्त होगी. कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी गुजरात के कई नेता विभिन्न स्थानों पर इस यात्रा में शामिल होंगे.
कांग्रेस पर हमला बोला
नड्डा ने कहा, “यह बीजेपी या गुजरात की 'गौरव यात्रा' नहीं है, बल्कि भारत का गौरव स्थापित करने वाली यात्रा है. यह यात्रा गुजरात से भारत की यात्रा की कहानी है.” उन्होंने बबूल (कांटेदार बबूल) और आम के पेड़ लगाने की तुलना करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया. नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जैसा कि (केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम) रुपाला जी ने आपको बताया, यहां बबूल के जंगल हुआ करते थे. अगर कोई पार्टी बबूल लगाती है तो आपको केवल बबूल मिलेंगे. अगर वे बबूल लगाते हैं तो आपको आम कैसे मिल जाएंगे? उन लोगों ने बबूल उगाए. कांग्रेस ने साल दर साल और क्या किया?”
कौन कौन लोग रहे मौजूद
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के इस कार्यक्रम में रूपाला के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और बीजेपी के अन्य नेता मौजूद थे. नड्डा ने आरोप लगाया, “कांग्रेस ने भाई को भाई से लड़ाया. इलाके को इलाके से लड़ाया. विकास की यात्रा को अटकाया, भटकाया, लटकाया. आज ये खुद अटके, लटके और भटके हुए हैं.” उन्होंने कहा कि (अक्टूबर 2001 में) गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी गुजरात के विकास को लेकर बहुत चिंतित थे. नड्डा ने याद करते हुए बताया कि वह मोदी को उनके अभिनंदन के लिए हिमाचल प्रदेश ले गए थे. उन्होंने कहा कि मोदी ने मध्य प्रदेश के उस समय के कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उसी दिन सुबह आठ बजे नर्मदा नदी जल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए फोन भी किया था.
नरेंद्र मोदी ने बदली है गुजरात की तस्वीर
उन्होंने कहा, “मैं आपको यह बात इसलिए बता रहा हूं, क्योंकि मोदी शुरू से ही गुजरात के विकास को लेकर तत्पर रहे हैं. गुजरात जिसे सरदार पटेल ने हरा-भरा बनाने का सपना देखा था. कांग्रेस ने तीन दशक बीत जाने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया. अगर किसी ने गुजरात को दिशा दिखाने का काम किया तो वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी रहे.”
अमित शाह भी करेंगे यात्रा
गौरव यात्रा के बारे में नड्डा ने कहा, “यह बीजेपी या गुजरात की 'गौरव यात्रा' नहीं है, बल्कि भारत के गौरव को स्थापित करने वाली यात्रा है. मैं आपको इस तथ्य के लिए बधाई देता हूं कि गुजरात भारत की 'गंगोत्री' है, जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है. एक आत्मनिर्भर, विकसित भारत जो सबको साथ लेकर चलता है. बता दें कि नड्डा द्वारका से दूसरे मार्ग पर यात्रा शुरू करने वाले हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बृहस्पतिवार को तीन मार्गों पर गौरव यात्रा शुरू करेंगे, जिसमें एक यात्रा अहमदाबाद जिले के जंजारका गांव में संत सवैया नाथ मंदिर से, जबकि दो अन्य यात्राएं नवसारी जिले के वांसदा तालुका के उनाई माता मंदिर से शुरू की जाएंगी.
कब कब निकली है गौरव यात्रा
उल्लेखनीय है कि पहली 'गौरव यात्रा' गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बाद और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले निकाली थी. दूसरी 'गौरव यात्रा' वर्ष 2017 के राज्य चुनावों से पहले आयोजित की गई थी. साल 2002 में, भाजपा ने कुल 182 सीटों में से 127 सीटें जीती थी. 2017 में भगवा पार्टी को 99 और विपक्षी कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली थी.
उल्लेखनीय है कि पहली 'गौरव यात्रा' गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बाद और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले निकाली थी. दूसरी 'गौरव यात्रा' वर्ष 2017 के राज्य चुनावों से पहले आयोजित की गई थी. साल 2002 में, भाजपा ने कुल 182 सीटों में से 127 सीटें जीती थी. 2017 में भगवा पार्टी को 99 और विपक्षी कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली थी.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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