Opposition Leader: इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने संसद के भीतर की तस्वीर बदल दी. 18वीं लोकसभा चुनाव में 10 साल बाद सदन के भीतर विपक्ष को अपना नेता मिल गया है. इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के रूप में नजर आएंगे. साल 2014 में सत्ता से बेदखल होने के बाद पिछले 10 सालों में कांग्रेस के पास नेता विपक्ष का पद पाने के लिए जरूरी 54 सीटें तक नहीं थीं.
नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से पीएम से मिलाया हाथ
इस बार कांग्रेस के पास लोकसभा में 99 सीटें हैं और इसी वजह से 20 साल लंबे राजनीतिक करियर में राहुल गांधी को पहली बार संवैधानिक पद मिला है. लोकसभा सदन में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ भी मिलाया. ओम बिरला को 18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर चुना गया.
स्पीकर चुने जाने के बाद पीएम मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ अपनी सीट से उठकर ओम बिरला की सीट पर आए और उन्हें बधाई दी. इसके तुरंत बाद राहुल गांधी भी अपनी सीट से उठकर ओम बिरला को बधाई देने आए और पीएम मोदी से हाथ मिलाया. इस दौरान राहुल गांधी नवनिर्वाचित लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को उनकी सीट तक छोड़ने गए. राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर तमाम विपक्षी पार्टियों ने उन्हें बधाई दी.
कई जरूरी नियुक्तियों में पीएम के साथ रहेंगे राहुल गांधी
नेता प्रतिपक्ष न सिर्फ अपनी पार्टी का बल्कि पूरे विपक्ष का नेतृत्व करता है. वह कई जरूरी नियुक्तियों में प्रधानमंत्री के साथ बैठता है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी साथ मिलकर कई फैसले लेंगे. चुनाव आयुक्त, केंद्रीय सतर्कता आयोग के अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सीबीआई डायरेक्टर, लोकायुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन इन सभी पदों का चयन एक पैनल के जरिए किया जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष शामिल रहते हैं. अब तक राहुल गांधी कभी पीएम मोदी के साथ किसी पैनल में शामिल नहीं हुए हैं.
राहुल गांधी को कितनी सैलरी मिलेगी
राजीव गांधी और सोनिया के बाद राहुल गांधी इस पद पर गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे. राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1989-90 तक नेता विपक्ष रहे थे. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी 1999-2004 तक नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं.
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अब केंद्रीय मंत्री के बराबर सुविधाएं मिलेगी. उन्हें वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं केंद्रीय मंत्री के बराबर मिलेगी. उन्हें 3 लाख 30 हजार रुपये सैलरी मिलेगी. इसके साथ ही उन्हें 14 लोगों का स्टाफ भी मिलेगा.
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