नई दिल्ली: आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए आज नई दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों की बैठक हुई. इस बैठक में कम से कम 12 दलों के नेता मौजूद रहे. हालांकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और आम आदमी पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी,कृषि संकट के साथ 16 देशों के बीच होने जा रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा हुई, पार्टियों ने इन मुद्दों पर चिंता व्यक्त की. देश में BJP को छोड़ कर हर कोई परेशान है. चूहों की तरह RBI तक को खा रहे हैं. 70सालों में इतनी संवेदनहीन सरकार नहीं देखी.
उन्होंने कहा, ''50 साल में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं थी और ये बढ़ती जा रही है. पढ़े लिखे लोगों की बेरोजगारी बढ़ रही है. विश्व भर की बेरोजगारी से दोगुनी बेरोजगारी भारत में है. इसकी चिंता देश को खाए जा रही है. युवा मायूस है. गिरती अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. निजी निवेश से लेकर औद्योगिक विकास घट गया है.''
आजाद ने कहा, ''मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ माईनस में चला गया है. NPA 8 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. बैंक फ्रॉड काफी बढ़ गया है. चूहे की तरह RBI को खाते जा रहे हैं. चार सालों में RBI खाली हो जाएगा. किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा, खेती में विकास की रफ्तार ठप है. डीजल, बिजली मंहगी हो रही है. कृषि यंत्रों पर टैक्स लगाया जा रहा है.''
उन्होंने कहा, ''RCEP हम शुरू में इसके खिलाफ नहीं थे. ये हमारा आइडिया था. लेकिन GST भी हमारा आइडिया था. जिस डॉक्टर को ऑपरेशन करना था उसका तबादला हो गया, कंपाउंडर को मालूम नहीं कि ऑपरेशन करना कैसे है?''
वहीं शरद यादव ने कहा, ''किसी एक तारीख को संसद सत्र के दौरान अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर विपक्ष का प्रदर्शन होगा. संसद के भीतर और बाहर संग्राम होगा. हरियाणा और महाराष्ट्र ने दिशा दिखाई है. जनता आगे हो गई है, हमें भी तैयारी करनी होगी.''
बैठक के मुद्दे
बैठक में आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई. कांग्रेस की कोशिश है कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और आरसीईपी के मुद्दों पर विपक्ष को लामबंद किया जाए.
संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है. इससे पहले हुई इस बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, डीएमके के टी आर बालू, आरजेडी के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, भाकपा के डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा लिया.
कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर कल से जिला और प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है.अगले महीने वह दिल्ली में बड़ी रैली भी करेगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.