विपक्ष की बैठक में शामिल हुए अरविंद केजरीवाल, AAP बोली- 'जब तक कांग्रेस का स्टैंड अध्यादेश को लेकर साफ नहीं होता...'
AAP On Opposition Meeting: पटना में विपक्ष की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से बयान जारी किया गया है. पार्टी ने कांग्रेस के स्टैंड को लेकर सवाल किया है.
Opposition Party In Patna: बिहार के पटना में हुई विपक्ष की बैठक खत्म हो चुकी है. इस बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए. शुक्रवार (23 मई) को आप की तरफ से केंद्र के अध्यादेश को लेकर एक बयान सामने आया है. जिसमें पार्टी ने कहा है कि जब तक कांग्रेस का स्टैंड अध्यादेश को लेकर साफ नहीं होता तब तक विपक्ष की किसी भी बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं होगी.
आप ने आगे कहा, "कांग्रेस, एक राष्ट्रीय पार्टी जो लगभग सभी मुद्दों पर एक स्टैंड लेती है, उसने अभी तक काले अध्यादेश पर अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है. हालांकि, कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए. आज पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक के दौरान कई दलों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया. हालाँकि, कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया."
'कांग्रेस की चुप्पी संदेहास्पद'
आम आदमी पार्टी ने आगे कहा, "कांग्रेस की चुप्पी उसके वास्तविक इरादों पर संदेह पैदा करती है. व्यक्तिगत चर्चाओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी अनौपचारिक या औपचारिक रूप से राज्यसभा में इस पर मतदान से दूर रह सकती है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के मतदान से दूर रहने से बीजेपी को भारतीय लोकतंत्र पर अपने हमले को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी."
कांग्रेस के स्टैंड पर आप ने कहा, "31 राज्यसभा सांसदों वाली कांग्रेस को सार्वजनिक तौर पर इस बिल का विरोध करना होगा." विपक्ष की बैठक में कुल 17 पार्टियां शामिल हुईं थीं. आप के मुताबिक, 17 में से 11 पार्टियों ने केंद्र के अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है. AAP ने कहा, ''अब समय आ गया है कि कांग्रेस तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ.''
'झिझक क्यों रही कांग्रेस'
पार्टी के बयान में आगे कहा गया है, "काला अध्यादेश संविधान विरोधी, संघवाद विरोधी और पूर्णतया अलोकतांत्रिक है. इसके अलावा, यह इस मुद्दे पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को उलटने का प्रयास करता है और न्यायपालिका का अपमान है. कांग्रेस की झिझक और टीम प्लेयर के रूप में कार्य करने से इनकार, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर, AAP के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल हो जाएगा जिसमें कांग्रेस भी शामिल है."
आप ने कहा कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से काले अध्यादेश की निंदा नहीं करती और घोषणा नहीं करती कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करेंगे, AAP के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य की बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा जहां कांग्रेस भागीदार है.
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