Opposition Meeting News: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होने के प्रयास में लगे हैं. आगे की रणनीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार (23 जून) को पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई है, लेकिन इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने विपक्षी दलों को बैठक के एजेंडे को लेकर लेटर लिखा है.
इसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर मीटिंग का एजेंडा क्या होगा? माना जा रहा है कि इस महाबैठक का एजेंडा साथ लड़ने पर सहमति, सीट बंटवारे का फॉर्मूला, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, दलों, नेताओं की भूमिका पर मंथन और महागठबंधन का नाम हो सकता है. इसको लेकर विपक्षी पार्टियों के नेता भी कई बार बयान दे चुके हैं.
किसने क्या कहा?
सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सहित कई नेता कह चुके हैं कि सभी के साथ में आने की जरूरत है. इसके पीछे इन नेताओं ने लोकतंत्र की दुहाई दी है.
न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर भी एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के जलगांव में शुक्रवार (16 जून) को कहा था कि मोदी सरकार का विकल्प बनने के लिए साझा कार्यक्रम पर सभी विपक्षी दलों को वो एकजुट करने का प्रयास करेंगे. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि साझा कार्यक्रम को लेकर एक समिति बनाई जा सकती है.
सीट बंटवारे का क्या फॉर्मूला होगा?
तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों को सीट बंटवारे का फॉर्मूला देते हुए कहा था कि जिस जगह पर जो दल मजबूत है वहां उसका उम्मीदवार खड़ा हो. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी कह चुके हैं कि अगर विपक्षी दलों का एक साझा उम्मीदवार होगा तो 450 सीटों का रिजल्ट प्रभावित होगा. यही बात उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने दोहराई थी.
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को लेटर लिखर 23 जून को होने वाली गैर-बीजेपी दलों की बैठक में केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा करने और मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस अध्यादेश को लाकर दिल्ली में एक प्रयोग किया है. यदि यह सफल होता है तो यह गैर-बीजेपी राज्यों में समान अध्यादेश ला जाएगा और समवर्ती सूची वाले विषयों के संबंध में शक्तियों को छीन लेगा.
केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से सीधे दिल्ली पर शासन करेगी. दिल्ली के बाद, सभी राज्यों में एक-एक करके लोकतंत्र को समाप्त कर दिया जाएगा. अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है.
मीटिंग में कौन-कौन आ रहा है?
नीतीश कुमार की ओर से बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम ममता बनर्जी, तमिलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्वव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेता आ सकते हैं.
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