Opposition Meeting: विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर राहुल गांधी से उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने की ये अपील, कांग्रेस ने साफ किया रुख
Opposition Meeting: सीएम नीतीश कुमार की पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो दिल्ली के अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन करेंगे या नहीं.
Opposition Meeting: बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुट होने में लगे विपक्षी दलों ने आगे की रणनीति को लेकर पटना में शुक्रवार (23 जून) को बैठक की. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेता शामिल हुए.
बैठक में दिल्ली के अध्यादेश को लेकर भी चर्चा हुई. एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अध्यादेश को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने की अपील की.
सूत्रों ने कहा कि लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करने को कहा. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने भी अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में आप का साथ देने की बात कही.
वहीं बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, “शायद वह (केजरीवाल) खुद जानते हैं कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है. संसद सत्र शुरू होने से पहले सारी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करती हैं, यह उन्हें मालूम होगा. 18-20 पार्टियों की बैठक होती है, जिसमें हर पार्टी के नेता शामिल होते हैं.”
अरविंद केजरीवाल क्या कह रहे हैं?
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में विपक्षी दलों को लेटर भी लिखा था कि वो केंद्र के अध्यादेश को लेकर अपना रुख स्पष्ट करें. उन्होंने पत्र में लिखा था कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराज्यपाल और राज्यपाल के माध्यम से शासन चलाएंगे.
मीटिंग में पहुंचे कितने दलों ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन कर चुके हैं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सहित कई नेता अध्यादेश को लेकर केजरीवाल के समर्थन की बात पहले ही कह चुके हैं.
मामला क्या है?
सुप्रीन कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार यानी केजरीवाल सरकार के पास है. इसके बाद केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. इसको लेकर ही केजरीवाल विपक्षी नेताओं से समर्थन मांग रहे हैं.
ये भी पढ़ें- Opposition Parties Meeting: विपक्ष की मीटिंग में बड़ा फैसला! नीतीश कुमार बनाए जाएंगे संयोजक-सूत्र