Mission 2024: विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को पूरी तरह से हटाने की हर कोशिश कर रहा है. इस बीच ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस इस लड़ाई को अकेले ही चलाना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी ने विपक्ष से दूरी बना रखी है. अब टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी इसे लेकर बयान जारी कर दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस ने ममता बनर्जी की विरोधी पार्टियों के बीच समन्वय की बात नहीं मानी है. वह 'अकेले चलने' की कोशिशों में है. 


दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) की एक बड़ी रैली थी. इस रैली में इस सप्ताह की शुरुआत में कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे. हालांकि, कुछ प्रमुख नाम जिन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है, मंच से गायब थे. प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के बावजूद भी कांग्रेस की इस रैली में कोई भागीदारी नहीं दिखी. 


'अकेले आगे बढ़ने की तैयारी कर रही कांग्रेस'


इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्तावित किया कि विपक्षी दलों के बीच एक समन्वय टीम होनी चाहिए और बीजेपी शासित राज्यों में एक संयुक्त कार्यक्रम होना चाहिए. अब तक कांग्रेस ने इसका जवाब नहीं दिया है. ऐसे में टीएमसी का आरेोप है कि कांग्रेस अकेले आगे बढ़ने की तैयारी में है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमाम राजनीतिक दल, लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. 


कौन-कौन हुए विपक्ष की रैली में शामिल 


विपक्ष की इस रैली में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो शीर्ष पद की दौड़ में विपक्षी नेताओं के बीच मैदान में दिख रहे हैं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और भाकपा महासचिव डी राजा शामिल थे. 


विपक्ष के प्रमुख चेहरे ही मंच से गायब


मंच से कई प्रमुख चेहरे ही गायब थे. इसमें ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं का नाम शामिल है. ऐसे में अब सावल उठने लगे हैं कि क्या विपक्ष में तकरार चल रही है. क्या विपक्ष लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एकजुट होगा भी या नहीं. क्या कांग्रेस अकेले लड़ने की राह पर है. ऐसे तमाम सवाल अब उठने लगे हैं. 


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