नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से धारा 370 ख़त्म हुए तीन महीने से ज्यादा हो चुके हैं और अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख के नाम से दो अलग अलग केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आ चुके हैं. दोनों प्रदेशों के ताजा हालात पर संसदीय समिति में चर्चा हुई.


विदेशी सांसदों की तरह जम्मू कश्मीर जाने की मांग


समिति की बैठक में केंद्रीय गृह सचिव के अलावा गृह मंत्रालय के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी पेश हुए. बैठक में मौजूद सभी विपक्षी सांसदों ने गृह सचिव के सामने जम्मू कश्मीर जाने की मांग की. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने सबसे पहले ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब विदेशी सांसदों कल कश्मीर जाने की इजाज़त मिल सकती है तो फिर भारतीय सांसदों को क्यों नहीं ? हालांकि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ किया कि फिलहाल सांसदों को कश्मीर का दौरा करवाना सम्भव नहीं है. इसपर सांसदों ने पूछा कि आखिर कबतक उनके कश्मीर जाने पर प्रतिबंध लगा रहेगा?


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राजनीतिक बंदियों को कब तक छोड़ा जाएग?


बैठक में मौजूद डीएमके के सांसद दयानिधि मारन ने जम्मू कश्मीर में करीब तीन महीनों से नज़रबन्द राजनीतिक दलों के नेताओं का मामला उठाते हुए पूछा कि आखिर उनकी रिहाई क्यों नहीं हो रही है? मारन के साथ विपक्ष के कुछ और सांसदों ने यही मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की और कहा कि अगर राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं तो इन नेताओं को छोड़ा क्यों नहीं जा रहा है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने जवाब देते हुए कहा कि जैसे जैसे हालात और सामान्य होते जाएंगे इन नेताओं की रिहाई पर विचार किया जाएगा. हालांकि बैठक में मौजूद बीजेपी सांसदों ख़ासकर भूपेंद्र यादव ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हालात पर इस तरह से चर्चा किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये बेहद संवेदनशील मसला है.


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सरकार ने कहा - घाटी में हालात हो रहे सामान्य


इसके पहले मंत्रालय के एक अधिकारी ने सदस्यों को राज्य की ताजा हालात के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए दावा किया कि वहां स्थिति तेज़ी से सामान्य हो रही है. सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय की ओर से बताया गया कि सामान्य जनजीवन पूरी तरह बहाल करने के लिए ज़्यादातर जगहों से प्रतिबन्ध हटाए गए हैं. स्कूल और कॉलेज भी खुलते जा रहे हैं जबकि लैंडलाइन फोन सेवा को पूरी तरह बहाल कर दिया गया है. समिति को ये भी बताया गया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच सम्पत्ति के बंटवारे की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कमिटी बनाई गई है जिसने अपना काम शुरू कर दिया है.


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