Benefits of 'Agnipath Recruitment' scheme:  'अग्निपथ' योजना (Agnipath Scheme) केंद्र सरकार (Central Government) की सेना में भर्ती (Army Recruitment) की इस योजना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन (Protest) हुए. बिहार (Bihar)  से लेकर हरियाणा (Haryana) तक इस आग की चिनगारी पहुंची. विरोध प्रदर्शन के चलते कहीं गाड़ियों में आग लगा दी गईं तो कहीं पटरियां उखाड़ दी गईं. ऐसे में सरकार ने नाराज युवाओं को मनाने के लिए इस योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया में होने वाले फायदों पर जोर दे रही है.  उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने अग्निवीरों के लिए अलग से नौकरियों में छूट देने का आश्वासन दिया. अग्निपथ स्कीम को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकारों ओर से अग्निवीरों के रिटायर होने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी में खास प्राथमिकता दी जाएगी. 


गुरुवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर लिखा, आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंशानुरूप 'अग्निपथ योजना' युवाओं को राष्ट्र व समाज की सेवा हेतु तैयार करेगी, उन्हें गौरवपूर्ण भविष्य का अवसर प्रदान करेगी. यूपी सरकार आश्वस्त करती है कि 'अग्निवीरों' को सेवा के उपरांत पुलिस व पुलिस के सहयोगी बलों में समायोजित करने में प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे ही मध्य प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने भी अग्निवीरों के लिए खास प्राथमिकताओं का ऐलान किया है. सरकार ने 'अग्निपथ भर्ती' युवाओं को समझाने के लिए अनौपचारिक रूप से एक फैक्ट शीट जारी की है. इसका टाइटल है, ' अग्निपथ, मिथक बनाम तथ्य.' सरकार ने इस शीट के जरिए अपना पक्ष रखकर युवाओं को समझाने की कोशिश की है. अग्निपथ योजना को लेकर नाराज छात्रों ने जो सवाल उठाए हैं सरकार ने उन सब सवालों के जवाब इस शीट में दिए हैं. 



  • युवाओं में इस बात का भ्रम है कि अग्निवीरों का भविष्य असुरक्षित?
    सरकार ने बताया कि जो युवा अग्निवीर की सेवा के बाद आंत्रप्रेन्योर बनना चाहेगा सरकार उन्हें वित्तीय सहायता और लोन देगी. वहीं जो छात्र इसके बाद अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहेंगे उनके लिए सरकार 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट देगी ताकि वो आगे की पढ़ाई कर सकें इसके अलावा जो अग्निवीर आगे नौकरी करना चाहेंगे सरकार उन्हें सीएपीएफ और राज्यों की पुलिस भर्ती में वरीयता देगी. 

  • युवाओं को अग्निवीर स्कीम को लेकर इस बात का भी संदेह है कि उनके लिए रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे?
    सरकार ने इन युवाओं को बताया कि अग्निपथ स्कीम से युवाओं के लिए अवसर और भी ज्यादा बढ़ेंगे. सरकार ने बताया कि आने वाले समय में हम मौजूदा से तीन गुनी भर्तियां करेंगे

  • नाराज युवाओं का कहना है कि इस योजना के आने के बाद से रेजिमेंटल बॉन्डिंग पर भी फर्क पड़ेगा?
    वहीं सरकार ने इस योजना से नाराज युवाओं के इस सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि हम रेजिमेंटल सिस्टम में कोई नहीं कर रहे हैं. बेस्ट अग्निवीर को सेना में स्थायी जगह दी जाएगी इस वजह से उनमें आपस तालमेल और भी ज्यादा बेहतर होगा. 

  • इस योजना को लेकर युवाओं ने ये सवाल भी उठाया है कि सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता (Effectiveness)पर फर्क पड़ेगा?
    सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि इस तरह की शॉर्ट टर्म स्कीम ज्यादातर देशों में चलाई जा रही हैं और पहले से जांची परखी हैं. यह युवाओं के लिए बड़ा अवसर है. पहले साल जितने अग्नीवीर भर्ती होंगे वे सेना के 3 फीसदी होंगे. चार साल बाद उन्हें सेना में स्थायी करने से पहले फिर से उनका ट्सेट होगा. इसलिए सेना में भर्ती होने वाले लोग पूरी तरह से जांचे परखे और ट्रेन्ड होंगे.

  • नाराज युवाओं का कहना है कि महज 17 से 21 साल की उम्र में परिपक्वता और विश्वसनीयता की कमी रहती है ऐसे में ये कहीं खतरा ना बन जाएं?
    नाराज युवाओं को सरकार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, दुनियाभर में ज्यादातर सेनाएं युवाओं पर ही निर्भर हैं. अग्निवीर योजना के जरिए युवा और अनुभवी लोगों के बीच 50-50 का अनुपात बनाया जाएगा. अग्निवीरों के समाज के लिए खतरा बनने के सवाल पर सरकार ने जवाब देते हुए कहा, ऐसा कहना भी सेना के मूल्यों का अपमान है. जो युवा एक बार सैनिक की यूनीफॉर्म पहनेगा वह जिंदगीभर देश की सेवा करेगा. आज भी सेना से रिटायर होने वाले लोग देश विरोधी संगठनों में शामिल नहीं होते.


योजना को लेकर देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी. इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.


‘अग्निपथ’ योजना पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हें 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी.’ पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह योजना विवादित है, इसमें कई जोखिम हैं और सैन्य बलों की पुरानी परिपाटी तथा तानेबाने को भंग करने वाली है. इसकी कोई गारंटी नहीं है कि योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिक बेहतर प्रशिक्षित होंगे और देश की रक्षा के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे.’


कम्युनिस्ट पार्टी का हमला
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है. यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है. पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की. विश्वम ने यह भी कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा, ‘इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं.’


आम आदमी पार्टी का हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को 'अग्निपथ योजना' का विरोध कर रहे सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के समर्थन में सामने आए और केंद्र सरकार से अपील की कि युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं, बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए. केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, 'केंद्र सरकार से अपील-युवाओं को चार साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में भर्तियां नहीं होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए."


वरुण गांधी ने किया ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध
‘अग्निपथ’ योजना के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि इससे युवाओं में और अधिक असंतोष पनपेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में वरुण गांधी ने मांग की कि सरकार इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ करे. गांधी ने कहा कि देश भर के युवाओं ने इस योजना के प्रावधानों को लेकर उनसे कई सारी शंकाएं और संशय साझा किए हैं.


सपा ने ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध किया
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'अग्निपथ' को लेकर केंद्र सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह देश और देश के युवाओं के भविष्य के लिए घातक साबित होगी.


केंद्र सरकार ने PIB पर गिनवाए ‘अग्निपथ’ योजना के फायदे
उधर, केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) ने फेसबुक पर एक पोस्ट (Facebook Posts) में कहा, ‘यह योजना सशस्त्र बलों में नयी गतिशीलता लाएगी. यह बलों को नयी क्षमताओं को लाने और युवाओं के तकनीकी कौशल (Technique Skill) और नयी सोच का लाभ उठाने में मदद करेगी. यह युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने का मौका देगी.’ चार साल के कार्यकाल के अंत में प्रत्येक रंगरूट को ‘सेवा निधि पैकेज’ (Service Fund Package) से दिए जाने वाले लगभग 11.71 लाख रुपये के वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए इसमें कहा गया है कि यह युवाओं को वित्तीय स्वतंत्रता (Financial Freedom) प्रदान करेगा और उन्हें उद्यमी बनने में भी मदद करेगा.  यह स्पष्टीकरण बिहार (Bihar), उत्तर प्रदेश (UP) और हरियाणा (Haryana) सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शनों (Protest) के मद्देनजर आया है.


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