Uniform Civil Code: UCC पर कांग्रेस, टीएमसी, JDU और बीआरएस ने केंद्र को घेरा तो बीजेपी ने किया पलटवार, जानें किसने क्या कहा?
UCC: समान नागरिक संहिता को लेकर विधि आयोग के ताजा कदम के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जिस पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
Uniform Civil Code News: समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की ओर से आम लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों की राय मांगे जाने पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दलों ने मामले पर केंद्र सरकार को घेरा है.
बुधवार (14 जून) को जारी के एक बयान मुताबिक, 22वें विधि आयोग ने यूसीसी पर राय देने के लिए 30 दिन का समय दिया है. इच्छुक लोग वेबसाइट या ईमेल के जरिये अपने विचार साझा कर सकते हैं.
कांग्रेस ने लगाया ध्रुवीकरण के एजेंडे को बढ़ाने का आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार (15 जून) को एक बयान जारी कर समान नागरिक संहित पर विधि आयोग के कदम को लेकर सरकार की आलोचना की. अपने बयान में जयराम रमेश ने कहा, ''...अभी इस मु्द्दे को हवा देने का प्रयास मोदी सरकार के ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने और स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही उनकी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए है.''
कांग्रेस नेता रमेश ने बयान में लिखा, ''विधि आयोग राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दशकों से महत्वपूर्ण काम करता आ रहा है. उसे उस विरासत के प्रति सचेत रहना चाहिए और याद रखना चाहिए कि राष्ट्र के हित बीजेपी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से अलग हैं.''
बीआरएस ने साधा निशाना
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने कहा, ''वे (केंद्र सरकार) राजनीति में धर्म गुरुओं को कहां से ला रहे हैं? धर्म गुरुओं को मठ चलाने चाहिए और पूजा करनी चाहिए. वे (सरकार) इसमें घुसपैठ कर हंगामा कर रहे हैं.''
टीएमसी ने विभाजनकारी राजनीति का लगाया आरोप
टीएमसी की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार हताशा के चलते विभाजनकारी राजनीति कर रही है. राज्यसभा सांसद और टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट में लिखा, ''जब आप नौकरियां नहीं दे सकते, जब आप बढ़ती कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकते, जब आप सामाजिक ताने-बाने को चीरते हैं, जब आप किए गए हर वादे पूरा करने में असफल रहते हैं तब आप अपनी हताशा में इतना ही कर सकते हैं कि 2024 से पहले अपनी गहरी विभाजनकारी राजनीति के साथ आग को भड़का देते हैं.''
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ये बोले
जेडीयू ने यूसीसी के मुद्दे पर आम सहमति बनाने के प्रयासों की वकालत की. पार्टी की ओर से कहा गया कि विभिन्न धर्मों और समुदायों के सदस्यों के संदर्भ में सभी हितधारकों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2017 के तत्कालीन विधि आयोग के अध्यक्ष बीएस चौहान को लिखे एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें नीतीश ने कहा था कि समान नागरिक संहिता को लोगों के कल्याण के लिए सुधार के एक उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि उनकी इच्छाओं के विरुद्ध और परामर्श के बिना जल्दबाजी में लागू किए जाने वाले राजनीतिक साधन के रूप में.
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ये बोले
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इससे केवल देश में नफरत फैलेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब है और कुछ राज्यों में भी चुनाव होने हैं. इन लोगों (बीजेपी) के पास बात करने के लिए मुद्दे नहीं हैं. एसपी सांसद ने कहा कि वे (बीजेपी) यह नहीं कह सकते हैं कि उन्होंने कुछ काम किया है क्योंकि उन्होंने देश को नफरत की आग में झोंका है.
बीजेपी ने किया पलटवार
मामले पर विरोध होने पर बीजेपी की ओर पलटवार किया गया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कट्टरपंथियों के दबाव में आ चुकी है और वोट बैंक की राजनीति के लिए इस कदम का विरोध कर रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी यूसीसी को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. पूनावाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट समेत विभिन्न अदालतों ने यूसीसी की वकालत की है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गोवा में जब यूसीसी को बरकरार रखा गया था तब उस समय वहां कांग्रेस की सरकार थी. पूनावाला ने पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यूसीसी की वकालत की थी.
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