Opposition Meeting: विपक्षी दलों ने मीटिंग के बाद सामूहिक संकल्प किया जारी, जाति जनगणना और मणिपुर हिंसा समेत इन मुद्दों का है जिक्र
Opposition Meeting in Bengaluru: विपक्षी पार्टियों ने मीटिंग के बाद सामूहिक संकल्प जारी किया. इसमें बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा गया हम संविधान के लिए एकजुट हुए हैं.
Opposition Party Meet: विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने को लेकर मंगलवार (18 जुलाई) को बेंगलुरु में बैठक की. इसमें शामिल हुए 26 विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखने का फैसला लिया. इन पार्टियों ने यह संकल्प भी लिया कि वो देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीति, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे.
बेंगलुरु में हुई मीटिंग में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहे.
इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई नेता इस बैठक में शामिल हुए.
विपक्षी दलों ने क्या सामुहिक संकल्प लिया?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विपक्षी दलों के सामूहिक संकल्प जारी किया. इसमें कहा गया कि 26 प्रगितिशील दल के नेता संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ संकल्प व्यक्त करते हैं. हमारे गणतंत्र के चरित्र पर बीजेपी व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमले कर रही है. हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है.
मणिपुर का किय़ा जिक्र
विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हम राज्य को तबाह करने वाली मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है. मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है.
विपक्षी दलों ने आगे बयान में कहा कि हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जारी हमले का मुकाबला करने और उनका सामना करने के लिए दृढ़ हैं। हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. गैर-बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से अधिक रही है.
बीजेपी पर किया हमला
विपक्षी दलों ने बताया कि बीजेपी की सरकार ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है. हम आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं.
सामुहिक संकल्प में विपक्ष ने कहा कि विमुद्रीकरण अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों में अनकही दुर्दशा लेकर आया. इसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आई. हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की लापरवाही से बिक्री का विरोध करते हैं. हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और फलते-फूलते निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए.
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 18, 2023
इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ होगा।
आज बेंगलुरु में 26 राजनीतिक दलों द्वारा घोषित Indian National Developmental, Inclusive Alliance के पीछे यही भावना है। pic.twitter.com/g0ltEPEG8l
जाति जनगणना का किया जिक्र
सामुहिक संकल्प में आगे कहा कि हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं. महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं. पहले कदम के रूप में जाति जनगणना को लागू करें.
विपक्ष दलों ने बयान में कहा कि हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने प्रताड़ित करने और दबाने के लिए बीजेपी की प्रणालीगत साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं. नफरत के उनके जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ द्वेषपूर्ण हिंसा को जन्म दिया है. ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं जिन पर भारत गणराज्य की स्थापना हुई है.
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