INDIA होगा विपक्षी गठबंधन का नाम, सीट बंटवारे को लेकर इस फॉर्मूले पर बनी सहमति
Opposition Parties Meeting: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के प्रयास में लगे विपक्षी दलों की बेंगलुरु में दूसरी बड़ी बैठक हो रही है.
Opposition Meeting: बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक हो रही है. इस बैठक में विपक्ष के महागठबंधन के नाम पर चर्चा की गई है. सूत्रों को मुताबिक, विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया हो सकता है. बैठक में ये सुझाव दिया गया. इसके अलावा अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछला दलित गठबंधन) का सुझाव दिया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया.
एक छोटे दल ने सेव इंडिया अलायंस या सेक्युलर इंडिया अलायंस का सुझाव भी दिया था. इसके अलावा बैठक में सीट बंटवारे को लेकर राज्य निहाय कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया है. इसी बीच टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट कर लिखा, "चक दे इंडिया." जेडीयू ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "विपक्षी एकता का नया नाम "INDIA" होगा."
विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?
बेंगलुरु में इकट्ठा हुए विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा, "ये एक अच्छी, सार्थक बैठक है. रचनात्मक निर्णय लिए जाएंगे. आज जो चर्चा हुई उसके बाद का नतीजा इस देश के लोगों के लिए सही हो सकता है." वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा, "सब मिलकर बीजेपी को हरायेंगे"
विपक्षी गठबंधन के इंडिया का मतलब?
I - Indian
N- National
D- Developmental
I - Inclusive
A - Alliance
विपक्षी एकता का नया नाम "INDIA"
— Janata Dal (United) (@Jduonline) July 18, 2023
I - Indian
N - National
D - Democratic
I - Inclusive
A - Alliance#JDU #NitishKumar#MahaGathbandhan#UnitedWeStand#oppositionmeeting #bengaluru pic.twitter.com/iQU3urraJR
लालू यादव का मोदी सरकार पर निशाना
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा, "देश और लोकतंत्र को बचाना होगा, गरीबों, युवाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी होगी. मोदी सरकार में सभी को कुचला जा रहा है." इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में लगभग हर क्षेत्र को पूरी तरह से चौपट कर दिया, उनसे छुटकारा पाने का समय आ गया है."
मल्लिकार्जुग खरगे ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खरगे ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. हमारा इरादा हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरेपक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं.
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