INDIA गठबंधन की मीटिंग में तैयार होगा टीएमसी, कांग्रेस और CPIM के बीच फॉर्मूला? क्या है तीनों दलों की राय
Opposition Meeting in Mumbai: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होगी. इसी बीच कांग्रेस, टीएमसी और सीपीआईएम ने बताया कि पश्चिम बंगाल में वो साथ आएंगे कि नहीं.
Opposition Parties Meeting: बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने में लगे विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल एनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की तीसरी बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होगी. इस बैठक से पहले सवाल है कि आखिर सीट शेयरिंग फॉर्मूला क्या होगा? क्या पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे दूसरे राज्य में एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे दल एक साथ आएंगे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में एक मसौदा प्रस्ताव तैयार हो सकता है. साथ ही बंगाल में गठबंधन को लेकर भी कांग्रेस, टीएमसी और सीपीआईएम ने जवाब दिया है.
वर्तमान राजनीतिक हालत में पश्चिम बंगाल में तीन दल - टीएमसी, माकपा (CPIM) और कांग्रेस - स्वीकार करते हैं कि बिना किसी रूपरेखा के चुनावी समायोजन का कोई भी प्रयास चुनौतीपूर्ण होगा. बीजेपी के खिलाफ सीधे मुकाबले के लिए टीएमसी के झुकाव और राज्य में मौजूदा लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के विपरीत रुख के बीच विरोधाभास से इन्हें बल मिला है.
टीएमसी ने क्या कहा?
पीटीआई से बात करते हुए टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा, “हमें उम्मीद है कि मुंबई बैठक में न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि उन राज्यों में भी एकजुट लड़ाई लड़ने की कोई रूपरेखा बनेगी, जहां कई गठबंधन के साथी आमने-सामने हैं. मौजूदा परिस्थितियों और किसी नीति के अभाव में बंगाल में कांग्रेस और सीपीआईएम के साथ किसी भी तरह का गठबंधन असंभव है.”
पश्चिम बंगाल में 2009 के लोकसभा चुनावों और 2011 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन का जिक्र करते हुए, रॉय ने कहा “कांग्रेस के साथ गठबंधन तो फिर भी संभव है, लेकिन सीपीआईएम के साथ ये संभव नहीं.’’
कांग्रेस क्या बोली?
कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य दीपा दासमुंशी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुंबई बैठक के दौरान बीजेपी के खिलाफ एकजुट लड़ाई के लिए एक मसौदा रूपरेखा सामने आएगी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दीपा दासमुंशी पीटीआई से कहा, “राष्ट्र की रक्षा के एक बड़े और महान उद्देश्य के लिए हम सभी राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हुए हैं. वास्तव में कई विरोधाभास हैं - बंगाल में टीएमसी के साथ, दिल्ली में और पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ है. हमें उम्मीद है कि सीधी लड़ाई के लिए कोई रूपरेखा तैयार की जाएगी. ”
आमने-सामने की लड़ाई के फॉर्मूले पर बोलते हुए, दासमुंशी ने कहा कि पिछली बार पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने जो 18 लोकसभा सीटें जीती थीं, वे “इंडिया के लिए परीक्षण का मामला हो सकती हैं, जहां लक्ष्य बीजेपी की हार सुनिश्चित करना होना चाहिए”.
सीपीआईएम ने गठबंधन को लेकर क्या कहा?
सीपीआईएम के नेता हन्नान मोल्ला ने कहा कि गठबंधन के विभिन्न दलों के बीच राज्यों के भीतर राजनीतिक विरोधाभासों पर विचार करके बीजेपी का मुकाबला करने की रणनीति विकसित की जाएगी.
उन्होंने कहा, “बीजेपी यह बताना चाहती है कि यह इंडिया गठबंधन विभाजित है. केरल, त्रिपुरा, बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राजनीतिक समीकरण एक जैसे नहीं हैं, लेकिन बीजेपी को हराने की नीति उन अंतर्विरोधों को ध्यान में रखते हुए सामने आएगी. ”
बंगाल में किसके पास कितनी सीटें है?
टीएमसी के पास राज्य की 23 लोकसभा सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास दो और सीपीआईएम के पास एक भी सीट नहीं है. लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन 2021 के विधानसभा चुनावों में कोई भी सीट जीतने में विफल रहा जबकि टीएमसी ने लगातार तीसरी जीत हासिल की. इन चुनावों में बीजेपी विपक्ष बन गई.
माकपा और कांग्रेस पर बंगाल में बीजेपी के एजेंडे के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाते हुए, टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि “सीपीआईएम और कांग्रेस की भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण और विपक्षी एकता के लिए हानिकारक है.” उन्होंने हालांकि कहा कि स्थिति गतिशील है और अगले छह महीनों में और विकास की उम्मीद है.
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