Opposition Meeting in Mumbai: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की तीसरी मीटिंग मुंबई में शुक्रवार (1 सितंबर) को हुई. इस बीच एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बैठक के अंदर की बात बताई. मीटिंग में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित विपक्षी नेताओं ने अपने सुझाव दिए. 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी कैंपेन में तीन बड़ी बातों को शामिल करने को कहा. राहुल ने कहा, ''पहला पीएम मोदी की छवि ऐसी बनाई गई है कि जैसे वो बहुत ईमानदार हों, लेकिन ये सही नही है. सच्चाई ये है कि पीएम मोदी सबसे भ्रष्ट पीएम हैं.'' उन्होंने अडानी ग्रुप और रक्षा सौदे का जिक्र करते हुए इसमें भ्रष्टाचार की बात की. 


उन्होंने दूसरा सुझाव देते हुए कहा, ''माहौल बनाया जाता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विदेश में भारत की छवि बेहतर हुई है. ये भी गलत है. पीएम मोदी के बाहर जाने पर विरोध भी होता है.'' 


राहुल गांधी ने कहा, ''ऐसा दावा किया जाता है कि पीएम मोदी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय के लिए बहुत कुछ करते हैं, लेकिन सच्चाई में मोदी सरकार जैसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए कुछ नहीं करती. वैसे ही वो ओबीसी के लिए भी कुछ नहीं करती.'' उन्होंने इन तीनों बातों को कैंपेन में शामिल करने को कहा. 


अरविंद केजरीवाल ने सीट शेयरिंग पर क्या सुझाव दिया?
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव जल्द कराए जा सकते हैं. इस देखते हुए हमें भी जल्दी करनी चाहिए है. इसपर दूसरे नेताओं ने भी सहमति जताते हुए कहा कि हम समय बर्बाद कर रहे हैं.


केजरीवाल ने फिर दोहराया कि सीट शेयरिंग 30 सितंबर तक कर लेना चाहिए और इसके लिए अलग मैकेनिज्म होना चाहिए. 


वहीं इसपर राहुल गांधी ने भी कहा कि कांग्रेस खुले मन से सभी को Accomodate यानी समायोजित करने को तैयार है. कुछ नेताओं ने सीट शेयरिंग के लिए गाइडलाइन बनाने का भी सुझाव दिया. सभी ने माना कि सीट शेयरिंग राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हो सकती क्योंकि कई दलों का कई राज्यों में कोई अस्तित्व नहीं है. ऐसे में सीट शेयरिंग राज्य के ध्यान में रखते हुए हो. 


जातिगत जनगणना पर क्या चर्चा हुई?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव की आरजेडी ने जातिगत जनगणना का जिक्र अहम मसलों में किया तो इसपर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि ये मुद्दा ऐसा है कि सभी दलों की अपनी राय है. इस कारण सभी दलों को अपनी पार्टी में पहले चर्चा करनी चाहिए. यहां इस बैठक में इस मुद्दे को अभी उठाना ठीक नहीं.


बनर्जी ने कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं को बना दो अक्टूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती के दिन ऐलान करने की फिर से पैरवी भी की. उन्होंने गुरुवार (31 अगस्त) को भी यह बात कही थी.


संसद के विशेष सत्र में कौन सा मुद्दा उठाया जाए?
अडानी ग्रुप का मसला राहुल गांधी के अलावा सीताराम येचुरी, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल और बाकी नेताओं ने उठाया. ये चर्चा भी हुई कि इसे संसद के विशेष सत्र के दौरान भी उठाया जाए. दरअसल केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का स्पेशल सेशन बुलाया है. 


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