Opposition Party Meet: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की शुक्रवार (1 सितंबर) को मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में बैठक हुई. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और एनसीपी चीफ शरद पवार सहित कई नेता शामिल हुए. मीटिंग के बाद खरगे ने केंद्र सरकार पर हमले करते हुए कहा कि संसद का विशेष सत्र बिना किसी से बात किए बुलाया गया. ये लोग तानाशाही की तरफ बढ़ रहे हैं. 


खरगे ने विपक्षी नेताओं के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ''मणिपुर हिंसा के समय संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया, कोरोना के समय नहीं बुलाया, चीन ने जमीन हड़प ली तो संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया, नोटबंदी के समय नहीं बुलाया, अब क्यों बुलाया, मुझे पता नहीं, वह (मोदी सरकार) धीरे-धीरे तानशाही की तरफ जा रहे हैं.''


उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी गरीबों के लिए कभी काम नहीं करेंगे, वह सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का स्पेशल सेशन बुलाया है. सरकार ने बताया कि इसमें पांच बैठकें होनी है. 


संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि संसद के 18 से 22 सितंबर तक विशेष सत्र के एजेंडे में महत्वपूर्ण विषय हैं और इसके बारे में जल्द ही जानकारी जारी की जायेगी.  जोशी ने विशेष सत्र के एजेंडे का ब्यौरा देने से मना कर दिया. 


बैठक में कौन शामिल हुए?
मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित कई नेता शामिल हुए. 


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