I.N.D.I.A Meeting in Mumbai: मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 अगस्त को मुंबई में हुई. बैठक में 28 पार्टियों के 60 से ज्यादा नेता शामिल हुए. मीटिंग में 13 नेताओं की कोर्डिनेशन कमेटी बनाई गई. हालांकि संयोजक पर फैसला नहीं हुआ. विपक्षी दलों के कई नेताओं ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में केंद्र में 'अहंकारी और भ्रष्ट' बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर कर देगा.
कौन सी कमेटी बनाई गई?
इंडिया गठबंधन की बैठक में कोर्डिनेशन कमेटी समेत पांच कमेटियां बनाई गई है. कोर्डिनेशन कमेटी चुनावी रणनीति बनाने का काम करेगी. इसके अलावा प्रचार, मीडिया, सोशल मीडिया, रिसर्च आदि को लेकर भी अलग-अलग कमिटियां बनाई गई है. सभी कमिटी में प्रमुख दलों के नेता शामिल किए गए हैं.
13 सदस्यीय कोर्डिनेशन कमेटी में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेडीयू, आरजेडी, एनसीपी, डीएमके, पीडीपी, सपा, तृणमूल कांग्रेस, जेएमएम के नेताओं को शामिल किया गया है. हालांकि सीपीआईएम के नेता को भी इसमें जोड़ा जाएगा तब कमिटी की में 14 सदस्य हो जाएंगे.
केसी वेणु गोपाल,राघव चड्ढा, संजय राउत, उमर अब्दुल्लाह, ललन सिंह, तेजस्वी यादव, शरद पवार, एम के स्टालिन, महबूबा मुफ्ती, जावेद अली ख़ान, अभिषेक बनर्जी, हेमंत सोरेन, डी राजा शामिल हैं.
कैंपेन कमिटी
- गुरदीप सिंह सप्पल, कांग्रेस
- संजय झा, जेडीयू
- अनिल देसाई, शिव सेना(यूबीटी)
- संजय यादव, राजद
- पीसी चाको, एनसीपी
- चंपई सोरेन, जेएमएम
- किरणमय नंदा,सपा
- संजय सिंह,आम आदमी पार्टी
- अरुण कुमार, सीपीआई (एम)
- बिनॉय विश्वम, सीपीआई
- न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी, नेशनल कॉन्फ्रेंस
- शाहिद सिद्दीकी, राष्ट्रीय लोक दल
- एनके प्रेमचंद्रन, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
- जी देवराजन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक
- रवि राय, सीपीआई (एमएल)
- तिरुमावलन, विदुथलाई चिरुथिगल काची
- केएम कादर मोइदीन, आईयूएमएल
- जोस के. मणि, केसी(एम)
- टीएमसी (बाद में नाम दिया जाएगा)
वर्किंग ग्रुप फॉर सोशल मीडिया
- सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस
- सुमित शर्मा, राजद
- आशीष यादव, सपा
- राजीव निगम, सपा
- राघव चड्ढा, आम आदमी पार्टी
- अविंदानी, जेएमएम
- इल्तिजा महबूबा, पीडीपी
- प्रांजल, सीपीएम
- भालचंद्रन कांगो, सीपीआई
- इफरा जा, नेशनल कॉन्फ्रेंस
- वी अरुण कुमार, सीपीआई (एमएल)
- टीएमसी (नाम नहीं दिया गया)
वर्किंग ग्रुप फॉर मीडिया
- जयराम रमेश, कांग्रेस
- मनोज झा, राजद
- अरविंद सावंत, शिवसेना(यूबीटी)
- जितेंद्र आह्वाड, एनसीपी
- राघव चड्ढा, आम आदमी पार्टी
- राजीव रंजन, जदयू
- प्रांजल, सीपीएम
- आशीष यादव, सपा
- सुप्रियो भट्टाचार्य, जेएमएम
- आलोक कुमार, जेएमएम
- मनीष कुमार, जदयू
- राजीव निगम, सपा
- भालचंद्रन कांगो, सीपीआई
- तनवीर सादिक, एनसी
- प्रशांत कन्नोजिया
- नरेन चटर्जी, एआईएफबी
- सुचेता डे, सीपीआई (एमएल)
- मोहित भान, पीडीपी
- टीएमसी (नाम नहीं दिया गया)
वर्किंग ग्रुप फॉर रिसर्च
- अमिताभ दुबे, कांग्रेस
- सुबोध मेहता, राजद
- प्रियंका चतुवेर्दी, शिवसेना(यूबीटी)
- वंदना चव्हाण, एनसीपी
- केसी त्यागी, जदयू
- सुदिव्य कुमार सोनू, जेएमएम
- जैस्मीन शाह, आम आदमी पार्टी
- आलोक रंजन, सपा
- इमरान नबी डार, नेशनल कॉन्फ्रेंस
- आदित्य, पीडीपी
- टीएमसी (नाम नहीं दिया गया)
नेताओं ने क्या कहा?
मुंबई बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, 'आगामी चुनाव के तहत सीट शेयरिंग के लिए एक कमेटी गठित की गई है. ये कमेटी सभी सीटों पर हार-जीत के मूल्यांकन का अध्ययन करेगी, जिसमें ये देखा जाएगा कि कौन सी पार्टी किस जगह पर मजबूत है और जीत सकती है.'
जेडीयू पार्टी के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री से बैटक खत्म होने के बाद कहा, ''आप सबको मालूम है कि आज तीसरी बैठक हो गई. आप लोगों को बता दिया है कि किन किन चीज़ों पर सहमति बन गई है. अब हम लोग अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों को संबोधित करेंगे. पार्टी की पकड़ को देखते हुए एक ऐसा फॉर्मूला तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी पार्टी को हर तरीके से खुश रखा जा सकेगा. इंडिया की अगली मीटिंग जल्द से जल्द कराए जाने को लेकर हम भी उत्सुक हैं."
नीतीश कुमार बोले, ''अब जो केंद्र में हैं वो हारेंगे, यह तय हो गया है. मीडिया पर ही कब्ज़ा कर लिया है. ये कम करते हैं और ज़्यादा छपते हैं. आप प्रेस वाले आज़ाद होंगे. अब हम(मीडिया और विपक्षी दल) सब एक हो गए हैं, तो हमारे कामों का प्रचार करते रहिएगा.''
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव जल्दी कराए जा रहे हैं तो हमें भी जल्दी करनी चाहिए. सीट शेयरिंग 30 सितंबर तक कर लेना चाहिए. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जातिगत सर्वे का मुद्दा उठाना चाहा लेकिन ममता बनर्जी ने कहा कि अभी इसे मुद्दे को उठाना ठीक नहीं हैं. सभी दल पहले अपनी पार्टी नेताओं से चर्चा कर लें.
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