Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में विपक्षी दलों ने शनिवार को परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) की रिपोर्ट को 'बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित' करार देते हुए खारिज कर दिया. साथ ही विपक्षी दलों ने सोमवार को यहां एक आपात बैठक का आह्वान किया है. हालांकि, कई गुज्जर और बकरवाल संगठनों ने अनुसूचित जनजाति के लिए नौ विधानसभा सीटें आरक्षित करने के कदम का स्वागत किया. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का आभार जताया.
मार्च 2020 में गठित जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने गुरुवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट अधिसूचित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह नई विधानसभा सीटें और कश्मीर घाटी को एक नई विधानसभा सीट देते हुए राजौरी व पुंछ इलाकों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाने की सिफारिश की थी.
जम्मू मंडल में अब 43 और कश्मीर में 47 सीटें होंगी
केंद्र शासित प्रदेश के 90 सदस्यीय सदन में जम्मू मंडल में अब 43 विधानसभा सीटें होंगी जबकि कश्मीर में 47 सीटें होंगी. जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा (एपीयूएम) ने परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट को खारिज किया. इसने दावा किया कि यह रिपोर्ट अत्यधिक पक्षपातपूर्ण, प्रेरित और परिसीमन के सभी बुनियादी मानदंडों जैसे निकटता, सम्पर्क, जनसंख्या, भौतिक और सार्वजनिक सुविधाओं के खिलाफ है.
आयोग ने जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कियाः एपीयूएम
एपीयूएम में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, माकपा, भाकपा के अलावा कई अन्य सामाजिक संगठन शामिल हैं. एपीयूएम ने यहां जारी एक बयान में कहा, ' आयोग ने जमीनी हकीकत को पूरी तरह से नजरअंदाज किया और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की सुविधाओं तथा आकांक्षाओं की उपेक्षा की है.' बयान के मुताबिक, एपीयूएम ने इस रिपोर्ट के बाद उभरे हालात पर चर्चा के लिए सोमवार को एक आपात बैठक बुलाई है.
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