नई दिल्ली:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बड़बोलापन भारत और अमेरिका के रिश्तों के लिए बड़ी कूटनीतिक फजीहत का सबब बन गया है. साथ ही ट्रम्प के बयान ने भारत में विपक्ष को सरकार के खिलाफ हमले का नया बारूद भी मुहैय्या करा दिया. लिहाज़ा दोनों मुल्कों की सरकारों की तरफ से आए आधिकारिक स्पष्टीकरण के बावजूद इस मामले को लेकर उठे सियासी बवंडर का बादल बरकरार है. कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से प्रस्ताव मिलने को लेकर ट्रम्प के दावा का जहां भारत ने पुरजोर खंडन किया. वहीं अमेरिकी विदेश विभाग को भी बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी. हालांकि भारत और अमेरिका की तरफ से आधिकारिक तौर पर आए स्पष्टीकरणों के बावजूद ट्रम्प के बयान से उठे बवंडर ने भारत की संसद में हंगामा ज़रूर खड़ा कर दिया. इसने विपक्ष को, सरकर के खिलाफ हमले का मौक़ा भी दे दिया.
सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार से कैफियत तलब की. मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में दिए बयान में साफ किया कि न तो पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को कोई ऐसा प्रस्ताव दिया है और न ही भारत की किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर हामी है. मगर विपक्ष इस बात पर अड़ा हुआ है कि मामले पर खुद पीएम जवाब दें क्योंकि राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुद उनका नाम लेकर दावा किया है.
लोकसभा में हंगामे के बीच विपक्ष के वॉक आउट और राज्यसभा में सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित किए जाने के बावजूद फिलहाल समाधान की कोई सूरत नहीं निकल पाई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जिस तरह का बयान अमेरिका के राष्ट्रपति की तरफ से आया है उस पर ज़रूरी है कि पीएम आकर स्पष्ट करें. सदन को बताएं अगर अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं तो हम अपने पीएम की बात मानेंगे. लेकिन वो आकर कहें तो. अभी हम नहीं कह सकते हैं कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं या नहीं. राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक दूसरे देश के पीएम के सामने यह दावा किया है कि पीएम मोदी ने उन्हें यह प्रस्ताव दिया है. अब अपने नाम के बारे में हुए उल्लेख पर सफाई तो पीएम ही दे सकते हैं. हम विदेश मंत्री का सम्मान करते हैं लेकिन ट्रम्प ने उनके नाम का ज़िक्र नहीं किया बल्कि पीएम के नाम का किया.
इस बीच विपक्ष के सवालों को सिरे से खारिज कर रही सरकार का कहना है कि मामले पर विदेश मंत्री का बयान सदन में स्थिति स्पष्ट करने को काफी है. मीडिया से रूबरू हुए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जिस बयान पर अमेरिका की सरकार ने भी सफाई दे दी और भारत सरकार ने भी कह दिया कि कश्मीर मसले पर किसी का हस्तक्षेप नहीं स्वीकार नहीं है. ऐसे में विपक्ष का हंगामा सही नहीं है. इस बीच इस बात की संभावना नहीं है कि पीएम सदन में कोई स्पष्टीकरण का बयान दें.
भारत और अमेरिका की सरकारों की तरफ से आई सफाई के बावजूद फिलहाल भारतीय संसद में विपक्षी विरोध जारी है. हालांकि इसकी वजह ट्रम्प के बयानों पर भरोसे से ज़्यादा घरेलू सियासत में मोदी सरकार को घेरने की सियासत ज़्यादा है.
एक दिन में जितनी बार हाथ धोता है इंसान, उससे ज्यादा बार झूठ बोलते हैं डोनाल्ड ट्रंप- अमेरिकी अखबार
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