विपक्ष की महाबैठक: राहुल, केजरीवाल, ममता, नायडू, तेजस्वी बनाएंगे मोदी सरकार को घेरने की रणनीति
बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी. किसानों का मुद्दा खास तौर अहम रहेगा. इसके अलावा विवादास्पद राफेल विमान सौदा, सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप पर भी चर्चा होगी.
नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के ठीक पहले आज दिल्ली में विपक्ष की बड़ी बैठक होने जा रही है जिसमें करीब बीस पार्टियां हिस्सा लेगी. 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के मद्देनजर ये बैठक काफी अहम है. बैठक में नेता किसानों की स्थिति, राफेल सौदे से लेकर जांच एजेंसियों के मुद्दे पर चर्चा करेंगे और मोदी सरकार को घेरेंगे. साथ कि 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के महागठबंधन पर भी चर्चा हो सकती है.
West Bengal CM Mamata Banerjee and NCP chief Sharad Pawar arrive in Delhi. A meeting of opposition leaders is scheduled to be held in Delhi tomorrow. pic.twitter.com/5cSMEB4RHg
— ANI (@ANI) December 9, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, जेडीएस नेता एच डी देवगौड़ा सरीखे नेता बैठक में मौजूद रहेंगे. गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की पहल पर ये बैठक हो रही है. नायडू के नजदीकी सूत्र के मुताबिक नायडू ने खुद फोन कर नेताओं को बैठक में आने का आग्रह भी किया है. हालांकि जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती बैठक में नहीं आएंगे. हालांकि इन पार्टियों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रह सकते हैं.
बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी. किसानों का मुद्दा खास तौर अहम रहेगा. इसके अलावा विवादास्पद राफेल विमान सौदा, सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप पर भी चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक आरबीआई जैसी संस्थाओं में सरकार की कथित दखलंदाजी पर नेता अपनी बात रखेंगे. साथ ही नोटबन्दी और जीएसटी को लेकर भी सरकार को घेरेंगे.
इस बैठक में नायडू ने विपक्ष के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया है. साझा विपक्ष की कोशिशों में जुटे चंद्रबाबू नायडू ने अपनी मुहिम को "लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ" नाम दिया है. पांच राज्यों के चुनाव के बाद नतीजों को लेकर आए रुझान के कारण कांग्रेस समेत विपक्षी खेमे में उत्साह है. नतीजे अगर अनुमान के मुताबिक आए तो फिर महागठबंधन की शक्ल भी जल्द तय हो जाएगी और आक्रामकता भी बढ़ जाएगी.
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