क्या एक दूसरे के साथ मंच साझा करने से बच रहे हैं राहुल और केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव द्वारा बुलाए गए धरने के लिए जंतर मंतर पर पहुंचे तो उस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और उनकी पार्टी के कुछ एक विधायक भी मौजूद थे.
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर रेप कांड को लेकर शनिवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर बुलाए गए धरने में विपक्ष ने एक बार फिर अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश की. इस धरने में विपक्ष के अलग-अलग पार्टियों के बड़े नेता एक साथ और एक ही मंच पर नजर आएं. इनमें तेजस्वी यादव तो शामिल थे ही लेकिन उनके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए.
केजरीवाल थे तो राहुल नहीं राहुल थे तो केजरीवाल नहीं लेकिन इस धरने के दौरान एक और ऐसी तस्वीर रही जिसने कुछ सवाल भी खड़े कर दिए. वह तस्वीर थी राहुल और केजरीवाल के एक साथ मंच पर ना होने की. धरने के दौरान बाकी सभी दलों के नेता मंच पर ही अंत तक मौजूद थे लेकिन जब राहुल मंच पर आए तो केजरीवाल नहीं थे और जब केजरीवाल मंच पर मौजूद थे तो वहां राहुल नहीं थे.
निशाने पर मोदी पर फिर भी साथ नहीं!! जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव द्वारा बुलाए गए धरने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचे तो उस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और उनकी पार्टी के कुछ एक विधायक भी मौजूद थे. मंच से अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर निशाना भी साधा लेकिन उसके कुछ ही देर बाद अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ वहां से चले गए.
अरविंद केजरीवाल के जाने के कुछ देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंच पर पहुंचे और उन्होंने भी नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
तो क्या इस वजह से पहले निकल लिए केजरीवाल!! लेकिन इन सबके बीच जो सवाल खड़ा हुआ वह था कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस वजह से धरना स्थल से जल्दी चले गए क्योंकि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक मंच पर नहीं दिखना चाहते थे!!
हालांकि, इसकी और भी वजहें हो सकती है लेकिन राहुल और केजरीवाल का एक मंच पर साथ ना होना अपने आप में कुछ सवाल जरूर छोड़ जाता है. अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के ऊपर गंभीर आरोप लगाकर की थी और अब जबकि विपक्षी एकजुटता की बात हो रही है तो कहीं न कहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री इस बात को लेकर असमंजस में तो नहीं कि वह कांग्रेस के साथ एक मंच पर नजर आए या ना आए. क्योंकि अगर वह कांग्रेस के साथ एक मंच पर खड़े नजर आए तो निश्चित तौर पर सवाल तो केजरीवाल के ऊपर ही खड़े होंगे.