पीएम मोदी की आमद के लिए सजकर तैयार हो रही ओरकांडी की मतुआ ठाकुरबाड़ी
पीएम मोदी करीब आधे घंटे मतुआ मंदिर में रहेंगे. इस दौरान जहां डंकों की थाप से उनका स्वागत होगा. साथ ही विशेष पूजा और पारंपरिक अंदाज़ में उनके स्वागत-सम्मान का इंतज़ाम किया गया है. ओराकांडी में प्रधानमंत्री मोदी की आमद के लिए हेलीपैड से लेकर नई सड़क तक क़ई सुविधाएं मुकम्मल पी गई हैं.
ओरकांडी (बांग्लादेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान 27 मार्च की दोपहर गोपालगंज इलाके के ओराकांडी में मतुवा मंदिर पहुंचेंगे. मोदी इस मतुआ ठाकुरबाड़ी में जहां दर्शन करेंगे वहीं इस सम्प्रदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे.
राजधानी ढाका से करीब 150 किमी दूर ओरकंडी में भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा के लिए स्वागत और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. ओरकांडी पहुंची एबीपी न्यूज़ की टीम ने पाया कि पीएम की यात्रा से तीन दिन पहले ही बांग्लादेश की एसएसएफ ने ठाकुरबाड़ी इलाके को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था. लिहाज़ा केवल सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चिह्नित और निर्धारित संख्या में लोगों को ही अब भीतर जाने की इजाजत होगी.
मतुआ महासंघ से कार्यकारी अध्यक्ष सुब्रत ठाकुर ने एबीपी से बातचीत में बताया कि भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा से पूरे समाज में हर्ष का माहौल है. पहली बार होगा कि कोई भारतीय पीएम मतुआ ठाकुरबाड़ी में होंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर में उनके पहुँचने के बाद उन्हें दर्शन करवाए जाएंगे. इसके बाद पीएम मोदी मतुवा सम्प्रदाय के गणमान्य लोगों से मिलेंगे और साथ ही मतुआओं की एक छोटी सभा को भी संबोधित करेंगे. ठाकुर ने कहा कि पूरा मतुआ समाज पीएम मोदी की इस यात्रा से आनंदित है. हमारी बस अपेक्षा है कि मतुआ जहां भी हैं उन्हें सुरक्षा प्रदान करे जाए.
पीएम मोदी करीब आधे घंटे मतुआ मंदिर में रहेंगे. इस दौरान जहां डंकों की थाप से उनका स्वागत होगा. साथ ही विशेष पूजा और पारंपरिक अंदाज़ में उनके स्वागत-सम्मान का इंतज़ाम किया गया है. ओराकांडी में प्रधानमंत्री मोदी की आमद के लिए हेलीपैड से लेकर नई सड़क तक क़ई सुविधाएं मुकम्मल पी गई हैं.
आज़ादी के 50वें वर्ष समारोह में शामिल होंगे पीएम मोदी
मतुआ महासंघ से जुड़े सुधांशु मलिक कहते हैं कि आज़ादी के 50वें वर्ष समारोह में शामिल होने आ रहे भारतीय पीएम का ठाकुरबाड़ी आना बड़ी अहमियत रखता है. यह न केवल मतुआ समाज के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि दोनों देशों के रिश्तों के लिए भी अहम है.
बहरहाल, दक्षिणी बांग्लादेश के एक छोटे से गांव के मंदिर में भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा का सन्देश केवल धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक भी है. बांग्लादेश में जागो हिन्दू संगठन से जुड़े युवा कार्यकर्ता पूजन चन्द्र बिस्वास कहते हैं कि मतुआ हिन्दू धर्म का ही एक मत है. हरिचन्द ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर द्वारा 19वीं सदी के प्रारंभ में शुरू किए गए इस सम्प्रदाय ने नामशूद्र कहलाने वाले दलित समाज के व्यापक धर्मांतरण को रोकने और उनके बीच सामाजिक चेतना को जगाने का काम किया. इसने यही वजह है कि भारत समेत कई स्थानों से हर साल बोरो-मेला के लिए हज़ारों मतुआ पहुंचते हैं.
सभा को भी करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक टाइमिंग का अंदाज़ मानें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए 27 मार्च को होने वाले पहले चरण के मतदान वाले दिन ही वो ओरकांडी में होंगे. साथ ही एक सभा को भी संबोधित करेंगे. दरअसल, पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना, उत्तरी 24 परगना, नादिया और न्यू जलपाईगुड़ी जैसे कई इलाकों में मतुवा बिरादरी के लोगों की बड़ी संख्या है जो चुनावी लिहाज़ से क़ई सीटों पर निर्णायक हैसियत रखती है.
मतुवा मतदाताओं के प्रभाव वाली अधिकतर सीटों पर 17 अप्रैल को होने वाले पांचवें चरण और 26 अप्रैल को होने वाले छठे चरण में मतदान होगा.
मंदिर के करीब रहने वाले निर्मल गोसाईं का परिवार हरिचन्द ठाकुर के साथ ही ओरकांडी आया था. दुबई में भारतीय लोगों के साथ काम कर लौटे निर्मल हिंदी में कहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री हमारे गांव आ रहे हैं और दूर से ही सही लेकिन उन्हें देखने का मौका मिलेगा इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. हालांकि निर्मल यह कहना नहीं भूलते कि कुछ लोग इससे.शायद खुश नहीं हैं. इसीलिए उन्हें क़ई बार यह ताने सुनाए जाते हैं कि तुम्हारा मोदी आएगा तो वो ही तुम्हें बहुत कुछ देगा.
निर्मल गोसाईं का परिवार बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के वक्त पाकिस्तानी सेना के ज़ुल्म से भागकर भारत गए थे. लेकिन बांग्लादेश निर्माण के बाद वापस लौट आया और यहीं रहता है.
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